श्वेत मलिक ने सिद्धू और जाखड़ को दी चुनौती

punjabkesari.in Friday, Oct 26, 2018 - 07:22 PM (IST)

अमृतसर(महेन्द्र): दशहरा पर्व पर स्थानीय जौड़ा फाटक क्षेत्र में हुए दुखद रेल हादसे को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को स्थानीय भाजपा कार्यालय शहीद हरबंस लाल खन्ना स्मारक में मंडल स्तर से लेकर जिला स्तर तक के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ कार्यकत्र्ताओं के साथ की गई बैठक के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्वेत मलिक ने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन आवाज बुलंद न करता तो यह रेल हादसा ठंडे बस्ते में चला जाता। 

श्वेत मलिक ने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन आज भी अपनी उन्हीं मांगों पर पूरी तरह से अडि़ा है, जिसमें उन्होंने हर पीड़ित परिवार को 1-1 करोड़ रुपए की सहायता राशि, 1 सदस्य को सरकारी नौकरी तथा माननीय हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की गई थी। जब उन्हें यह बताया गया कि कांग्रेस प्रदेश प्रधान एवं कांग्रेसी सांसद सुनील जाखड़ ने गत दिवस सिद्धू के आवास पर प्रैस कॉन्फ्रैंस के दौरान कहा था कि कि ऐसे मामलों में सिटिंग जज जांच नहीं कर सकते हैं। इस पर मलिक ने जाखड़ व सिद्धू को चुनौती देते हुए कहा कि सिद्धू या फिर जाखड़ शपथ-पत्र दें कि ऐसे मामलों की सिटिंग जज जांच नहीं कर सकते।

श्वेत मलिक ने कहा कि आज पंजाब की मौजूदा सरकार अगर पीड़ित परिवारों के लिए अगर कुछ कर भी रही है, तो वह सब गठबंधन द्वारा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए किए जा रहे संघर्ष की बदौलत ही कर रही है। उन्होंने कहा कि जस्टिस डिले (इंसाफ में देरी) का यही अर्थ माना जाता है जस्टिस डिनाइड (इंसाफ देने से कतराना)। इसलिए पीड़ित परिवारों को जल्द इंसाफ दिलाने के लिए उनका यह संघर्ष यथावत जारी रहेगा।

इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय सचिव तरूण चुघ, पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी, डा. बलदेव राज चावला, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश हनी, केवल गिल, वरिष्ठ नेता राजिन्द्र मोहन सिंह छीना, भाजपा जिलाध्यक्ष आनंद शर्मा, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रीना जेतली, भाजयुमों जिलाध्यक्ष गौतम अरोड़ा सहित अन्य गण्यमान्य उपस्थित थे।


 

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