करवाचौथ के दिन पत्नी को उम्रकैद की सजा, दिया था इस खौफनाक वारदात को अंजाम
punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 11:04 AM (IST)

पंचकूला : एडिशनल सेशन जज परमिंदर सिंह राय की अदालत ने एक दर्दनाक हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए 45 वर्षीय महिला प्रभावती को उम्रकैद और 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा उसे अपने बचपन के प्रेमी राधे श्याम के साथ मिलकर अपने पति बाबू लाल की हत्या करने के मामले में दी गई है। राधे श्याम अभी भी फरार है।
कैसे हुआ था खुलासा?
28 फरवरी 2020 की रात ट्रांसपोर्ट नगर चौक के पास एक सिर कटी लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई थी। शव के पास एक साइकिल भी पड़ी मिली थी और मृतक केवल अंडरवियर में था। लाश की पहचान नहीं हो पाने के कारण 3 मार्च को उसे अज्ञात समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन पुलिस ने डीएनए जांच के लिए सैंपल सुरक्षित रख लिए थे।
बेटे और देवर ने खोली साजिश की पोल
6 मार्च को बाबू लाल का 17 वर्षीय बेटा राजेश अपनी मां प्रभावती के साथ थाने पहुंचा और अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। पुलिस को शक हुआ और जांच में पता चला कि शव की हाइट, शरीर की बनावट और अंडरवियर का साइज बाबू लाल से मेल खा रहा है।
बेटे और देवर ने भी प्रभावती पर शक जताया। पुलिस ने जब प्रभावती की कॉल डिटेल निकाली, तो राधे श्याम नाम के शख्स की लोकेशन घटनास्थल के आसपास पाई गई। राधे, प्रभावती का बचपन का प्रेमी था और फिलहाल चंडीगढ़ में ड्राइवर की नौकरी कर रहा था।
प्रभा की निशानदेही से मिला सिर, डीएनए से पुष्टि
प्रभावती को शक के आधार पर पूछताछ के लिए बुलाया गया। जब पुलिस ने सख्ती से सवाल किए तो वह टूट गई और सारा सच उगल दिया। उसने बताया कि वह और राधे शादी करना चाहते थे, लेकिन परिवार के दबाव में उसकी शादी बाबू लाल से हो गई थी। इसके बावजूद राधे से उसका संबंध बना रहा। जब बाबू लाल को इस रिश्ते की भनक लगी तो उसने विरोध किया। इसके बाद राधे और प्रभावती ने मिलकर उसे मारने की साजिश रची। 27 फरवरी की रात जब बाबू लाल सो रहा था, राधे ने बड़े चाकू से उसका गला काट दिया। फिर शव को तीन बोरियों में भरकर साइकिल से शहर के बाहर नहर के पास फेंक दिया।
फरार है राधे श्याम
हत्या के बाद राधे ने बाबू लाल का मोबाइल लेकर चंडीगढ़ चला गया और फोन कुछ दिन बाद बंद कर दिया, जिससे पुलिस को गुमराह किया जा सके। इस पूरी साजिश को अंजाम देने के बाद प्रभावती अपने बेटे के साथ गांव चली गई और थाने में झूठी शिकायत देकर खुद को बचाने की कोशिश की। लेकिन डीएनए टेस्ट से यह साफ हो गया कि शव बाबू लाल का ही था। पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी और अब कोर्ट ने प्रभावती को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है। राधे श्याम अब भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।
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