बिना एन.ओ.सी. के वसीकों को रजिस्टर्ड करने का मामला गरमाया, इन अधिकारियों गिरेगी गाज

punjabkesari.in Monday, May 23, 2022 - 06:34 PM (IST)

लुधियाना (पंकज): पंजाब केसरी द्वारा पूर्वी सब रजिस्ट्रार दफ्तर में उच्च अदालत के आदेशों को दरकिनार कर बिना एन.ओ.सी. संबंधी नाजायज कालोनियों के प्लॉट्स के वसीकों को रजिस्टर्ड करने संबंधी प्रमुखता से छापी खबर पर जांच अधिकारी ने सत्यता की मोहर लगा दी है, जिनका कहना है कि जांच में सामने आया है कि 300 से ज्यादा वसीके बिना एन.ओ.सी. के रजिस्टर्ड हुए थे, जिसकी रिपोर्ट बना कर उन्होंने उच्च अधिकारियों को भेज दी है, जिसके बाद सब रजिस्ट्रार और उनके स्टाफ पर सरकार का एक्शन होना तय है। 

इससे पहले सरकार इसी मामले में जीरकपुर के नायब तहसीलदार को सस्पैंड कर चुकी है। बता दें कि पंजाब में धड़ाधड़ काटी जा चुकी नाजायज कालोनियों के प्लॉट्स के वसीकों पर रोक लगाने संबंधी उच्च अदालत में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बिना एन.ओ.सी. के वसीकों पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश जारी किए थे, जिनकी पालना करते हुए राज्य सरकार ने सभी तहसीलों में तैनात सब रजिस्ट्रार को स्पष्ट आदेश देते हुए कहा था कि जब तक सरकार इस मामले में कोई नई पॉलिसी नहीं लाती, तब तक कोई भी अधिकारी नाजायज कालोनियों से संबंधित प्लॉट्स जिनकी एन.ओ.सी. संबंधित विभाग की तरफ से जारी नहीं की गई हो, को किसी भी कीमत पर रजिस्टर्ड न किया जाए, जिसके बावजूद राज्य की कई तहसीलों में बिना एन.ओ.सी. के वसीकों को हजारों रुपए कथित रिश्वत लेकर रजिस्टर्ड किया जा रहा है। 

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का वायदा कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मामला ध्यान में आते ही सबसे पहले जीरकपुर तहसील में रजिस्टर्ड हुए वसीकों की जांच के आदेश दिए थे, जिसमें आरोपों की पुष्टि होने पर सरकार ने वहां तैनात नायब तहसीलदार को सस्पैंड कर दिया था !

अभी जीरकपुर के नायब तहसीलदार का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि लुधियाना की पूर्वी तहसील में काम करवाने आने वाली जनता और प्रापर्टी डीलरों ने दफ्तर में तैनात स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिए, उनका आरोप था कि दफ्तर में उच्च अदालत और सरकार के आदेशों की धज्जियां उडा कर बिना एन.ओ.सी. के वसीकों को रजिस्टर्ड करने का काम चरम पर है। जिसके लिए हजारों रुपए की रिश्वत लोगों से वसूली जा रही है। पंजाब केसरी ने इस मामले को प्रमुखता से उठाते हुए स्थानीय प्रशासन और सरकार का ध्यान इस तरफ खींचने का प्रयास किया था, जिसके बाद हरकत में आई सरकार ने ए.डी.सी. राहुल चाबा को उच्च अदालत के आदेशों के बाद पूर्वी तहसील में रजिस्टर्ड होने वाले वसीकों की जांच करने के आदेश दिए थे।

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Content Writer

Subhash Kapoor

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