पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ जंग लड़ रही यह महिला ड्रग इंस्पैक्टर

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 02:59 PM (IST)

अमृतसरः पंजाब में नशे का कारोबार व्यापक रूप से फैला हुआ है। ऐसे में ड्रग इंस्पेक्टरों की जान को भी काफी खतरा है। नशा कारोबारी के खिलाफ की गई कार्रवाई के कारण ही 29 मार्च को  मोहाली में एक ड्रग्स इंस्पेकटर नेहा शौरी को जान से हाथ धोना पड़ा था। इसके बाद से ड्रग इंस्पेक्टरों के लिए अपने काम को पूरा करना अधिक चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।

ड्रग्स इंस्पेक्टर नेहा के साथ  32 वर्षीय बबलीन कौर ने भी नशा कारोबारियों के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है। बबलीन का कहना है कि हमें धमकियां मिलना कोई नहीं बात नहीं है लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमें अपनी ड्यूटी करने पर जान से भी मारा जा सकता है।  उन्होंने बताया कि  2015 में उन्होंने एक  दुकान से सैंपल लिया था, कोर्ट में केस भी दर्ज कराया। वह इस मामले में प्रोसिक्यूटर भी है। उसे गवाह के रूप में भी पेश होना होगा। 

 पुलिस के लिए फिर भी आसान होता है। उनमें एक अधिकारी छापा मारता है, दूसरा जांच करता। इसके बाद पब्लिक प्रोसिक्यूटर आरोपी का सामना करता है। जबकि ड्रग इंस्पेक्टर को यह सब कुछ अकेले करना होता है। आर्मीमैन परिवार से तालुक्क रखने वाली बबलीन कहती हैं कि वह आरोपी में शत्रुता की भावना पनपने नहीं देती हैं। फार्मेसी विषय में पोस्टग्रेजुएट बबलीन कहना है कि उनके साथ पढ़ने वाले लोग विदेश में नौकरी कर रहे हैं।  ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में उनका काम ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत तैयार होने और बिकने वाली दवाओं की जांच करना होता है। बबलीन के पास फिलहाल 17 मामले हैं। इन मामलों के संबंध में उन्हें महीने में 15 से 20 बार अदालत में पेश होना पड़ता है। उनका अधिकतर समय यहां से वहां जाने में ही निकल जाता है। वह अक्सर देर रात घर पहुंचती हैं। अमृतसर के 5 ड्रग इंस्पेक्टर में से वह एकमात्र महिला इंस्पेक्टर हैं। 

रेड के दौरान बना लिया था बंधक
बबलीन ने बताया कि तरन तारन जिले के रानी का बाग एरिया में एक बार वह रेड मारने गई थीं। यह उनका सबसे खराब अनुभव था। यहां उन्हें कैमिस्ट के परिवार ने अपने घर में दो घंटे तक बंधक बना लिया था। उस समय उनकी शादी नहीं हुई थी। एक मामले में एक केमिस्ट ने आत्महत्या कर ली थी। बबलीन ने केमिस्ट के यहां रेड मारी और लौट आई। इसके बाद पता लगा कि उस केमिस्ट ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज हुआ था। हालांकि, बाद में यह मामला बंद हो गया। इसके बाद एक और केमिस्ट ने पत्र भेजकर आत्महत्या करने की धमकी दी थी।

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