लॉकडाउन संकट: भूख मिटाने के लिए भूख हड़ताल, 200 महिलाओं को नहीं मिली मजदूरी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 11:11 AM (IST)

जालंधर(एन.मोहन): कोरोना संकट के चलते बेशक सरकारें निर्धन लोगों को धन, भोजन मुहैया करवा रही हैं परंतु पंजाब में 200 महिलाएं ऐसी हैं जो सरकार द्वारा मजदूरी, मेहनताना न दिए जाने से खफा होकर लॉकडाऊन और कर्फ्यू में भूख हड़ताल पर बैठने लगी हैं।

राज्य के शहरों की मलिन बस्तियों के मजदूर परिवारों के बच्चों को संभालने वाली 100 क्रैच सैंटरों की 200 वर्कर और हैल्पर महिलाओं को सरकार ने अढ़ाई साल से उनका मेहनताना नहीं दिया। दिलचस्प बात यह भी है कि केंद्र सरकार की इस योजना में केंद्र ने पंजाब को मेहनताने की राशि भेजी हुई है परन्तु पंजाब सरकार ने इस राशि का आबंटन नहीं किया।क्रैच सैंटरों को चला रही 200 वर्कर और हैल्पर महिलाओं का गुजारा चल रहा था परंतु कोरोना वायरस फैलने के बाद उत्पन्न हुई स्थिति से इन महिलाओं का गुजारा बंद हो गया। मजदूर परिवारों से संबंधित इन वर्कर और हैल्पर महिलाओं के पारिवारिक सदस्य भी बेकार होकर रह गए हैं। ऐसे में सरकारी मदद तो दूर अपना मेहनताना लेने के लिए भी इन महिलाओं को संघर्ष करना पड़ रहा है। वर्कर का मेहनताना 3000 रुपए और हैल्पर का मेहनताना 1500 रुपए प्रति माह है। अढ़ाई वर्ष से इन महिलाओं को उनका मेहनताना नहीं दिया गया और 3 वर्ष से इन क्रैच सैंटरों में रखे जाते गरीब मजदूरों के बच्चों को दिया जाने वाला राशन भी नहीं बांटा गया। 

गौरतलब है कि शहरों की मलिन बस्तियों में जब मजदूर परिवार के महिला-पुरुष मजदूरी के लिए जाते हैं तो केंद्र सरकार की योजना अनुसार उनके बच्चों को इन क्रैच सैंटरों में रखा जाता है। ये सैंटर मंदिर, धर्मशालाओं और किराए के स्थानों में चल रहे हैं। मेहनताने के लिए गुजरी 5 मार्च को महिलाओं का एक शिष्टमंडल महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी से मिला था, तभी यह बताया गया था कि इस मामले की फाइल वित्त विभाग की अनुमति के लिए पड़ी है परंतु विभाग द्वारा अन्य कार्यों में व्यस्त होने के चलते इस तरफ  ध्यान नहीं दिया जा सका परंतु शिष्टमंडल को 10 दिनों में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था जो अवधि निकल भी चुकी है जबकि इन महिलाओं के समक्ष कोरोना का संकट बेरोजगारी के रूप से खड़ा है। आज ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन अध्यक्ष हरगोङ्क्षबद कौर ने राज्यमंत्री और अन्य के नाम पर अल्टीमेटम भेजते हुए चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह में महिलाओं का मेहनताना नहीं दिया गया तो वे अपने बच्चों समेत जहां उचित लगा भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी।

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