ऑटो चालक की बेटी ने 8 साल की उम्र में पहने थे ग्लव्स, 16 की उम्र में जीता था अंतर्राष्ट्रीय मैडल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2019 - 11:08 AM (IST)

पटियाला(प्रतिभा): 8 साल की उम्र में बॉक्सिंग ग्लव्स पहनकर रिंग में ट्रेनिंग के लिए उतरी संदीप कौर ने सभी विषम परिस्थितियों का सामना करके आज देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीत लिया है। ऑटो ड्राइवर जसवीर सिंह की बेटी संदीप ने 16 साल की उम्र में पोलैंड में इसी साल हुई 13वीं इंटरनैशनल सिलेशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीतकर लाया और विदेशी धरती पर देश के तिरंगे को ऊंचा किया। आर्थिक तौर पर कमजोर होने के बावजूद संदीप को कोई भी हालात रोक नहीं सके। हसनपुर गांव की संदीप को बॉक्सिंग में जाता देख गांववासियों ने रोकने की कोशिश की कि बॉक्सिंग से संदीप का चेहरा खराब हो जाएगा और कोई उससे शादी भी नहीं करेगा, लेकिन ये बातें भी संदीप को पिघला नहीं सकीं।


ओलिम्पिक में मैडल लाने का लक्ष्य
छोटी सी उम्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैडल जीत चुकी संदीप का अगला लक्ष्य ओलिम्पिक गेम्स में देश के लिए मैडल जीतने का है। संदीप की 3 बहनें और हैं और उसके पिता जसवीर सिंह सभी बेटियों को आगे बढ़ाने और पढ़ाने में लगे हुए हैं। मल्टीपर्पज स्कूल में 11वीं की पढ़ाई कर रही संदीप कोच सुनीर कुमार से ट्रेनिंग ले रही है। 

संदीप की कुछ उपलब्धियां  
-पोलैंड में 13वीं इंटरनैशनल सिलेशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड।
-जिला और राज्य स्तर पर ढेरों मैडल जीत चुकी संदीप ने नैशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रोन्ज जीता (201&)।
-नैशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2014 और 2015 में गोल्ड मैडल।
-खेलो इंडिया कंपीटिशन 2016 में गोल्ड मैडल।


अंकल का हाथ पकड़ जाती थी बॉक्सिंग एकैडमी, वहां पहन लिए ग्लव्स
बॉक्सिंग का शौक संदीप को तब हुआ जब वो 8 साल की उम्र में अपने अंकल सिमरनजीत सिंह के साथ हसनपुर गांव में स्थित बॉक्सिंग एकैडमी में जाने लगी और तब ही उसने सोच लिया कि वह बॉक्सिंग ही करेगी। बॉक्सिंग की शुरुआत भी हो गई लेकिन ऑटो ड्राइवर पिता की बेटी होने की वजह से आर्थिक हालात इतने बिगड़ गए कि संदीप ने सोचा खेल छोड़ दे, क्योंकि ट्रेनिंग के लिए जरूरी सामान और डाइट नहीं मिल पा रही थी, पर इस टीनएजर बॉक्सर का कैलिबर और उपलब्धियां देखते हुए पंजाब इंस्टीच्यूट ऑफ स्पोर्ट्स ने उसका हाथ थामा और उसे सभी सुविधाएं मिल रही हैं। 

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