रोजाना 20 घंटे करवाते थे काम, बदले में मिलते थी मार (Watch Video)

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 04:31 PM (IST)

शाहकोट/मलसियां(मरवाहा/त्रेहन): मस्कट में एक शेख की कैद में फंसी नजदीकी गांव महमूवाल यूसुफपुर की लड़की प्रवीन रानी 10 माह बाद आज दोपहर जब अपने घर पहुंची तो वहां पूरा गांव जमा हो गया तथा उसकी रोज 20 घंटे काम करने के बाद बदले में मिलती मारपीट की दर्द भरी दास्तां सुनकर सबकी आंखें नम हो गईं। 

 ‘पंजाब केसरी’ से बातचीत करते हुए पीड़िता प्रवीन रानी तथा उसके पिता जोगिन्द्र सिंह ने बताया कि शाहकोट के नजदीकी गांव तलवंडी बूटियां निवासी कथित ट्रैवल एजैंट सुखदेव सिंह उसे अच्छी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर 90 हजार रुपए लेकर पहले दुबई ले गया।

वहां से उसकी पत्नी मंजीत कौर ने प्रवीन रानी को 5 दिनों के बाद मस्कट के ओमान स्थित एक  शेख के घर भेज दिया। वहां प्रवीन से घर केकरीब डेढ़ दर्जन सदस्यों का खाना बनाने से लेकर घर के सभी कार्य करवाए जाते थे। इसके अलावा पशुओं की देखभाल तथा उन्हें भी चारा इत्यादि डालना पड़ता था। इस तरह उसे एक दिन में करीब 20 घंटे तक कार्य करना पड़ता था। उक्त शेख तथा उसका परिवार प्रवीन रानी के साथ मारपीट भी करता था।

लड़कियों के परिजनों के अलावा शेखों से भी रकम ऐंठते हैं एजैंट
प्रवीन रानी ने देश के सभी लोगों से अपील की है कि वे अपनी मासूम लड़कियों को शातिर ट्रैवल एजैंटों के झांसे में आकर अरब देशों में न भेजें, क्योंकि अपने परिवार का भविष्य उज्ज्वल बनाने के चक्कर में शेखों की कैद में उनकी जिंदगी नर्क बन जाती है, जहां से बाहर निकलना भी आसान नहीं है। उल्लेखनीय है कि सुखदेव सिंह जैसे कथित ट्रैवल एजैंट जहां देहाती क्षेत्रों के गरीब परिवारों की लड़कियों को अच्छा वेतन दिलवाने का झांसा देकर अरब देशों में भेजकर इन गरीब परिवारों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं, वहीं शेखों को भी घरेलू नौकरानियां उपलब्ध करवा कर उनसे भी पैसे ले रहे हैं। पीड़िता तथा उसके परिजनों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे कथित ट्रैवल एजैंटों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

समाज सेवी ओबराय व साथियों ने छुड़वाया शेख की कैद से 
पीड़िता के पिता जोगिन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी लड़की को वापस लाने के लिए बहुत प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली। उन्होंने समाज सेवी एस.पी. सिंह ओबराय से गुहार लगाई जब वह सीचेवाल आए थे, जिसके पश्चात एस.पी. सिंह ओबराय, दिलप्रीत सिंह तथा उनके एक रिश्तेदार राजू गांव बिल्ले ने मिलकर करीब 2 लाख 35 हजार रुपए एकत्र करके उक्त शेख को भेजे तब जाकर उसने प्रवीन को अपने घर से रिहा किया।

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