World Arthritis Day: गठिया की वजह से बढ़ रहे डायबीटीज और हृदय रोग के मरीज

punjabkesari.in Monday, Oct 12, 2020 - 05:12 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): 12 अक्टूबर को हर साल वल्र्ड आर्थराइटिस डे मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को जॉइंट्स से जुड़ी इस बीमारी के प्रति सजग बनाना है जो बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि अब युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। यह बात तो सभी लोग जानते हैं कि गठिया यानी आर्थराइटिस से जोड़ों में दर्द और शरीर में अकडऩ आ जाती है जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। लेकिन शायद कम ही लोग जानते होंगे कि गठिया होने से शरीर में ब्लड प्रेशर, डायबीटीज और हृदय रोग बीमारियां घातक बीमारियां भी हो सकती हैं। 

आखिर क्यों होता है शरीर में गठिया
डॉक्टरों के अनुसार गठिया 100 से भी ज्यादा प्रकार का होता है। यह रोग मूलत: प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म की विकृति से होता है। खून में यूरिक ऐसिड की मात्रा बढ़ जाती है। व्यक्ति जब कुछ देर के लिए बैठता या फिर सोता है तो यही यूरिक ऐसिड जोड़ों में इकठ्ठा हो जाता है, जो अचानक चलने या उठने में तकलीफ देता है। शरीर में यूरिक ऐसिड की मात्रा काफी बढ़ जाने पर यह गठिया का रूप ले लेता है। ध्यान न देने पर घुटना, कूल्हा आदि खराब हो जाते हैं। इस कारण कृत्रिम घुटना लगवाने की नौबत तक आ जाती है। हालांकि घुटना रक्षित तकनीक से लंबे समय तक घुटने के दर्द से बचा जा सकता है। अर्थराइटिस का सबसे अधिक प्रभाव घुटनों में और उसके बाद कुल्हे की हड्डियों पर पड़ता है। इससे बदन में दर्द और अकडऩ महसूस होने लगती है।

गठिया के लिए प्रमुख कारणों में मोटापा सबसे ऊपर
गठिया रोग के माहिर डॉक्टर के अनुसार गठिया के लिए प्रमुख कारणों में मोटापा सबसे ऊपर है। शरीर पर सामान्य से अधिक वजन जोड़ों में सूजन पैदा करता है। अर्थराइटिस जोड़ों की सूजन है। सामान्य स्थिति में आस्टियो अर्थराइटिस 50 साल की उम्र के बाद होता है। यह शरीर पर निर्भर करता है कि जोड़ो को कितना और किस तरह से इस्तेमाल किया गया है।

बढ़ती उम्र के साथ विकसित होती है गठिया 
अर्थराइटिस के लक्षण आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ विकसित होते हैं, लेकिन ये अचानक भी समस्या बन सकते हैं। इसके अलावा गलत एंगल से अधिक देर तक झुककर काम करना, सिर पर नियमित तौर पर वजन उठाना, झुककर कोई वजन उठाना, कम्प्यूटर के सामने गलत तरीके से घंटों बैठे रहना, मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करना, गर्दन झुकाकर घंटों काम करने से भी गठिया की शिकायत होती है।  इसके अलावा रुमेटोइड अर्थराइटिस में मरीज के शरीर के अंग अकड़ जाते हैं। इसमें महिलाओं में अधिक शिकायत होती है। 

गठिया से बचना है तो करें नियमित तौर पर व्यायाम
होशियारपुर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार गठिया से बचना है तो नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित भोजन लें क्योंकि शरीर में गठिया एक बार हो जाए तो इससे कई और तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं। शरीर का वजन बढञने लगता है, हाइपरटेंशन, डायबीटीज, हार्ट फेल्योर, अस्थमा, कलेस्ट्रॉल, बांझपन समेत कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। अगर आपके जोड़ों में जरा सा भी दर्द, शरीर में हल्की अकडऩ है तो भी सबसे पहले किसी डॉक्टर को दिखाएं। कोशिश करें दिनचर्या नियमित रहे। डॉक्टर की सलाह पर व्यायाम नियमित रूप से करें। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दुग्ध उत्पादों, ब्रॉकली, साल्मन मछली, पालक, राजमा, मूंगफली, बादाम आदि का सेवन करें। जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए विटमिन सी और डी बहुत जरूरी है। इसलिए विटमिन सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरे, कीवी, अनानास, फूलगोभी, ब्रॉकली, पत्ता गोभी, दूध, दही, मछली आदि का सेवन करें। कुछ समय धूप में भी बिताएं। यह विटमिन डी का बेहतरीन स्रोत है।  वजन को नियंत्रण में रखें। वजन ज्यादा होने से जोड़ों जैसे घुटनों, टखनों और कूल्हों पर दबाव पड़ता है।
 

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