‘दिल’ से रखें दिल का ख्याल

punjabkesari.in Sunday, Sep 29, 2019 - 09:22 AM (IST)

जालंधर(रत्ता):‘दिल’ छाती के बाईं ओर धड़कता पान के आकार का यह छोटा सा अंग है, जो शरीर में रक्त साफ करने का काम करता है। अगर इसका सही ढंग से ख्याल न रखा जाए तो यह ठप्प होकर इंसान को दुनिया से रुखसत कर देता है।दिल का ख्याल रखने की जरूरत को वैसे तो हर कोई समझता है, लेकिन  इसके लिए प्रयास करने वाले बहुत कम लोग होते हैं और यही मुख्य कारण है कि पहले जहां दिल की बीमारी वृद्धावस्था में होती थी अब छोटी उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले 10-15 वर्षों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में 30 से 35 प्रतिशत वृद्धि हुई है और हृदय रोग दुनिया में मृत्यु तथा विकलांगता का मुख्य कारण है। लोगों को हृदय रोगों बारे जागरूक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन में सन् 2000 में ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाने की शुरूआत की थी और इसे हर वर्ष सितम्बर महीने के अंतिम रविवार को मनाया जाता था। सन् 2014 में विश्व हृदय दिवस मनाने की तारीख 29 सितम्बर निर्धारित की गई, इसलिए अब यह हर वर्ष 29 सितम्बर को ही मनाया जाता है।

 इन बातों का रखें ध्यान

  •  अधिक वसा युक्त भोजन का परहेज करें।
  •  नियमित सैर एवं व्यायाम करें।
  •  पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  •  धूम्रपान एवं शराब का सेवन न करें।
  •  ब्लड प्रैशर तथा शूगर को कंट्रोल रखें।
  •  छाती में दर्द, चलने पर श्वास फूलने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।

 
छाती में होने वाले दर्द को अनदेखा न करें : डा. निपुण महाजन 
टैगोर हार्ट केयर सैंटर के सीनियर इंटरनैशनल कार्डियोलॉजिस्ट डा. निपुण महाजन का कहना है कि हार्ट अटैक का सामना करने वाले कई रोगी पहले गोल्डन आवर्स को गंवा देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। उन्होंने कहा कि छाती में होने वाले दर्द को अनदेखा न करते हुए उसी समय डाक्टर से परामर्श करें।

महिलाओं में भी बढ़ रहे हैं हृदय रोग : डा. वी.पी. शर्मा
श्रीमन सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट एंड डायरैक्टर डा. वी.पी. शर्मा का कहना है कि हृदय रोगों संबंधी पूरी जानकारी एवं जागरूकता न होने के कारण आमतौर पर महिलाएं हृदय रोगों के बारे डाक्टर्ज से परामर्श नहीं करती, जिससे महिलाओं में भी हृदय रोग बढ़ रहे हैं।

हार्ट फेलियर के रोगियों की मृत्यु के मामले भारत में ज्यादा : डा. रमन चावला 
केयरमैक्स सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट डा. रमन चावला का कहना है कि हार्ट फेलियर भारतीयों में हृदय रोग की प्रमुख जटिलताओं में से एक है, जिसमें प्रवेश के बाद मृत्यु दर 20 से 30 प्रतिशत है और यह अन्य देशों में कहीं अधिक है।

धूम्रपान, शराब, ब्लड प्रैशर व शूगर भी कारण हैं हृदय रोग के : डा. सी.एस. परुथी 
कैपीटोल अस्पताल व बी.बी.सी. हार्ट केयर के प्रबंध निदेशक एवं प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डा. सी.एस. परुथी का कहना है कि धूम्रपान, शराब, हाई ब्लड प्रैशर व शूगर भी हृदय रोग के कारण हैं और जिनके परिवार में किसी को हृदय रोग हो उसके सदस्यों को भी हृदय रोग होने की संभावना आम व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक होती है।

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