जन्म से अपाहिज इस लड़के के हौंसले को आप भी करेंगे सलाम

punjabkesari.in Tuesday, Aug 11, 2020 - 03:25 PM (IST)

माछीवाड़ा साहिब (टक्कर): आज की नौजवान पीढ़ी जहां नशे के कारण खेल से कोसों दूर हो रही है, वहीं माछीवाड़ा का एक नौजवान जन्म से अपहिज और गूंगा होने के बावजूद एक बढ़िया फ़ुटबाल खिलाड़ी बनने का जुनून रखता है। माछीवाड़ा की इंद्रा कालोनी के गरीब परिवार में अजय कुमार का जन्म 22 साल पहले हुआ था और बचपन से ही दोनों हाथ से अपहिज था।

जब वह थोड़ा बड़ा हुआ तो पता लगा कि वह बोलने से भी असमर्थ है। अपाहिज अजय कुमार का पिता चंचल कुमार नीटा, जो कि माछीवाड़ा फ़ुटबाल टीम का कैप्टन रहा है और अपने पिता को देखते ही अजय में फ़ुटबाल खेलने का जुनून पैदा हुआ। करीब 14 साल की उम्र में वह गुरु गोबिन्द सिंह स्टेडियम में जाकर दौड़ लगाने लगा और फ़ुटबाल खेलने लगा। इस कमजोरी को उसने अपने जुनून में रुकावट न बनने दिया और वह रोज़ाना स्टेडियम के 10 से 12 चक्कर लगाता है, जबकि आम नौजवान भी 5 से 6 चक्कर लगा कर थक जाते हैं।


पिता ने बताया कि उसका बेटा अपहिज होने के बावजूद भी बढ़िया खिलाड़ी बनने का सपना देखता है परन्तु गरीबी और बढ़िया कोचिंग ना होने के कारण वह उसे यह सुविधाएं मुहैया नहीं करवा सकते, इसलिए पंजाब सरकार ऐसे होनहार खिलाड़ियों की सहायता के लिए आगे आए जिससे अजय कुमार नौजवानों के लिए मिसाल बन सके। 

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