Lok Sabha Election 2019:प्रधानमंत्री की ताजपोशी में प्रमुख भूमिका निभाएंगे युवा छात्र

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2019 - 09:11 AM (IST)

अमृतसर(इंद्रजीत): देश के युवा वर्ग विशेष कर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री की ताजपोशी में अपनी प्रमुख भूमिका निभाएंगे। वे अपनी भावनाओं,आवश्यकताओं और अनुभवों के मुताबिक राजनीतिक समीकरण को खासा प्रभावित करेंगे। भारत में पिछले चुनावों के आधार पर वोटर छात्रों की संख्या 2 करोड़ 60 लाख पंजीकृत थी।  वर्तमान समय में उच्च स्तरीय विशेषज्ञों के मुताबिक 2019 में 1 करोड़ 10 लाख वोटर और बढ़ सकते हैं।

यह इतनी सक्षम संख्या में पहुंच जाएंगे कि देश की सत्ता का पलड़ा भी उलट सकते हैं। बड़ी बात है कि आम वोटर की अपेक्षा स्टूडैंट्स और कम उम्र के नौजवान वोटिंग के लिए अधिक सतर्क भी हैं। वहीं इनकी वोटिंग प्रतिशत भी आम वोटर की अपेक्षा 12 प्रतिशत अधिक है।  पहले समय में देखा जाता था कि छात्र वर्ग अपने माता-पिता अथवा अभिभावकों के इशारों से वोटिंग करते थे, किंतु अब वे इतने जागरूक हो चुके हैं कि वह परिवार के फैसलों को बदलने की शक्ति रखते हैं। इस संबंध में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के स्टूडैंट्स से बातचीत करने पर उन्होंने अपने विचार पेश किए। 

पेशेवर वोटरों को अधिक महत्व देती है राजनीतिक पार्टियां

बातचीत में लगभग सभी ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी प्रमुख मांगों पर गौर होना चाहिए। इसके लिए वे अपने मन के मुताबिक अपने परिवार के लोगों को भी अपने अनुभव के आधार पर राजनीतिक विषय में वर्तमान रुझान और नीतियों के अनुसार वोटिंग करने की प्रेरणा देंगे। युवा स्टूडैंट्स को इस बात पर भी रंज है कि राजनीतिक पार्टियां उन्हें अनदेखा कर अपने वोट बैंक के लिए पेशेवर वोटरों को अधिक महत्व देती है। इनमें जातीय आधार, व्यापारी, किसान और नौकरी पेशा वाले लोग होते हैं, किंतु स्टूडैंट्स की मुश्किलों को हमेशा नजरअंदाज ही किया जाता है जबकि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए मात्र वायदे किए जाते हैं। 

यह है छात्रों की मांग

  • छोटी क्लासों में प्राइवेट स्कूल अपने स्कूल की पब्लिसिटी बढ़ाने के लिए सभी बच्चों को पास कर देते हैं। ऐसे बच्चे बाद में प्रतिस्पर्धा को बढ़ा देते हैं। इन छात्रों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। नौकरियां प्राप्त करने के लिए माता-पिता की पूरी जीवन की कमाई नष्ट हो जाती है। सरकार सख्ती से इस पर रोक लगाए।
  • जिस प्रकार एम.बी.बी.एस. में सीट मिलते ही स्टडी से पहले नौकरी की निश्चितता होती है। इसी प्रकार सभी छात्रों को कक्षा में प्रवेश करने से पूर्व उनकी योग्यता के आधार पर नौकरियों की गारंटी निश्चित होनी चाहिए। 
  • पुलिस, सेना व प्रशासनिक विभागों में मिले नौकरियां 
  • 25 प्रतिशत छात्रों की मांगजब तक नौकरीया न मिले बेरोजगारी भत्ता निश्चित किया जाए 


छात्रों की राय

  • 90 प्रतिशत छात्रों की मांग रोजगार नहीं, नौकरियां चाहिएं क्योंकि हम जिस प्रकार की पढ़ाई कर रहे हैं उसी के अनुसार सरकार नौकरिया दे।  —जसपिंद्र कौर/जसमीत/प्रभजीत छात्र एम.सी.ए.
  • फेक डॉक्यूमैंट्स पर फीस कटौती को रोका जाए।     —नरपत जीत/ रोहित/जसमीत, छात्र बी.टैक. 
  • प्रतिवर्ष लाखों रुपए की फीस कम करके छात्रों को मिले राहत।  —सिमरनजीत/नितिन/मनजीत, छात्र बी.टैक.
  • नौकरियां न मिलने के कारण देश का युवा जा रहा है विदेश।  —अमित बजाज, छात्र बी.सी.ए. 
  • महिलाओं की सुरक्षा नहीं हो रही, इसे निश्चित किया जाना चाहिए।  —पलक सूद/अवनीत कौर/मोहित/विषव सूद, छात्र बी.टैक. फाइनल 
  • सरकार द्वारा नौकरियों संबंधी किए गए वायदे समयबद्ध होने चाहिएं। —मुकुल ठाकुर/आकाशदीप/अभिनव, छात्र बी.सी.ए. सैकेंड सैमेस्टर

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