हैरोइन से 125 गुणा तेज नशा ले रहे नशेड़ी, 1 महीने में पंजाब में 19 युवकों की मौत

punjabkesari.in Sunday, Jul 01, 2018 - 09:52 AM (IST)

जालंधर(बहल, सोमनाथ): ‘‘उठ वे सोनू अधी रात हो गई, रोटी खादे बिना तू किवें सो गया।’’ यह विलाप जिला तरनतारन के गांव मन्नण में सोनू की मां का था, जिसका 24 वर्षीय नौजवान बेटा नशे की ओवरडोज के कारण मौत की गोद में चला गया। यह अकेला मामला नहीं है। जून माह में ही प्रदेश में 19 युवकों की मौत नशे की ओवरडोज के कारण हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौतें जिला तरनतारन में हुई हैं। यहां 1 माह में 7 घरों के चिराग बुझ चुके हैं। 

नशे के कारण लगातार हो रही मौतों से पुलिस विभाग के भी हाथ-पांव फूल रहे हैं। पंजाब केसरी टीम की तरफ से की गई जांच में यह सामने आया है कि बाजार में मिलावटी हैरोइन बिक रही है। इसमें फिलहाल क्या-क्या मिलाया जा रहा है यह तो एजैंसियों की जांच में ही सामने आएगा। नौजवान जो मिला-जुला नशा ले रहे हैं, वह हैरोइन से 125 गुणा तेज नशा है। युवक नशे से भरी सूई नाड़ी में लगाते तो हैं लेकिन इसके बाद उनमें इतनी हिम्मत नहीं होती कि वह सूई को नाड़ी से बाहर निकाल सके। शरीर सीमैंट की तरह काला होने लगता है। यह नशा ‘कट’ के नाम से मशहूर हो रहा है। 

‘कट’ किसी ड्रग का नाम नहीं
सूत्रों के अनुसार और एजैंसियों की जांच में यह सामने आया है कि हैरोइन की अंतर्राष्ट्रीय मार्कीट में कीमत बहुत ज्यादा होने के कारण असली हैरोइन कहीं भी नहीं मिलती। हरेक जगह मिलावटी सप्लाई हो रही है क्योंकि यह बहुत महंगी है और ड्रग माफिया पैसों के लालच में इसमें सिंथैटिक दवाइयां मिलाकर बेच रहा है। इसकी पुडिय़ां 3-3 सौ रुपए में बिक रही हैं। अमरीका की एक यूनिवॢसटी ने कुछ साल पहले यह खुलासा किया था कि 99 प्रतिशत हैरोइन में मिलावट की जाती है। 

क्या मिलाया जा रहा हैरोइन में
 अध्ययन के मुताबिक इसमें बेकिंग सोडा, सुक्रोज, स्टार्च, टैलकम पाऊडर, कपड़े धोने वाला साबुन और कैफीन तक मिलाई जा रही है। हैरोइन में दूसरी ड्रग्स मिलने से शरीर सीमैंट की तरह काला पड़ जाता है। जहां तक कि चूहे मारने वाली दवाई तक इसमें मिलाई जा रही है। इन सबको डालने से नशे की तासीर बदल जाती है। 

सवालों के घेरे में सरकार की नशा विरोधी मुहिम 
सूत्रों का कहना है ड्रग माफिया का खत्मा करने के लिए बनाई गई एस.टी.एफ . को सवा साल से पूरा स्टाफ  नहीं मिला है । जिला पुलिस और एस.टी.एफ.  में तालमेल की कमी भी सामने आई है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि एस.टी.एफ . पहले सीधे सी.एम. को रिपोर्ट करती थी लेकिन अब डी.जी.पी. को । इससे भी काम प्रभावित हुआ है। पिछले दिनों मोगा के एस.एस.पी. राजजीत सिंह के मामले में उठे विवाद से इस मुहिम को धक्का लगा है।

‘फैंटानाइल’ भी ले रहे नौजवान 
फैंटानाइल प्रतिबंधित दवाई है और इस साल्ट के इंजैक्शन केवल अस्पतालों को ही सीधे कंपनी से सप्लाई होते हैं। कोई भी कैमिस्ट इस इंजैक्शन को नहीं रख सकता है। इसके लिए अस्पतालों को अलग से लाइसैंस लेने की जरूरत होती है और यह इंजैक्शन कहां इस्तेमाल हुआ इसका अलग रिकार्ड रखना होता है। इस इंजैक्शन का इस्तेमाल मेजर ऑप्रेशन में किया जाता है जिसमें मरीज को लंबे समय तक बेहोश करना होता है। जैसे कि ओपन हार्ट सर्जरी या अंग प्रत्यारोपण आदि में। इसलिए इस इंजैक्शन को हर कोई खरीदता नहीं है। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यह इंजैक्शन जिसकी कीमत करीब 40 रुपए है नशा लेने वाले नौजवानों तक कैसे पहुंच रहा है।  

पंजाब में ड्रग के कारण जो मौतें हो रही हैं अभी यह कहना मुश्किल है कि ये मौतें कौन-सी ड्रग के कारण हो रही हैं लेकिन यह बात सही है कि मिलावटी ड्रग तस्कर बेच रहे हैं। पिछले कुछ समय में सख्ती बढऩे के कारण अब तस्कर हैरोइन में मिलावट करके बेच रहे हैं। अमृतसर में एस.टी.एफ . ने तस्करों से बीते दिनों 500 ग्राम हैरोइन पकड़ी थी जिसे लैबोरेटरी के पास जांच के लिए भेजा गया । रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि इसमें क्या मिला हुआ है। जहां तक फैंटानाइल इंजैक्शन लगाने की बात भी सामने आई है लेकिन अभी उस पर भी जांच चल रही है। अभी यह कहना मुश्किल है कि फैंटानाइल के कारण मौतें हो रही हैं या नहीं। अमृतसर में जो तस्कर पकड़े गए थे उनसे पूछताछ जारी है। जल्द ही उनके पूरे नैटवर्क का पर्दाफाश होगा।                       -हरप्रीत सिंह सिद्धू, ए.डी.जी.पी., एस.टी.एफ.

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