नगर कीर्तन में गए युवकों को पता नहीं था, वे कभी घर नहीं लौटेंगे

punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2020 - 03:12 PM (IST)

तरनतारन(रमन): गांव पहूविंड बाबा दीप सिंह जी का जन्म स्थान है। यहां से उनके प्रकाश पर्व को समर्पित नगर कीर्तन गुरुद्वारा टाहला साहिब के लिए रवाना हुआ था, जिसके आगे चल रही ट्रैक्टर-ट्राली में ब्लास्ट से गुरप्रीत सिंह (12) और मनप्रीत सिंह (18) की मौके पर मौत हो गई थी, जो घर से बड़ी खुशी और उत्साह से नगर कीर्तन में शामिल होने के लिए निकले, लेकिन दोनों को कहां पता था कि कभी घर नहीं लौट सकेंगे। इस हादसे के बाद मृतकों के घरों में सन्नाटा छा गया है। वहीं हादसे के बाद नगर कीर्तन को गांव जीओबाला के रास्ते रवाना किया गया।

गांव वालों ने इकट्ठे किए बिखरे अंग 
ब्लास्ट के बाद मृतकों और घायलों के अंग सड़क के आसपास मौजूद मटर और गेहूं की फसलों में जा गिरे, जिनकी तलाश गांव निवासियों ने की, जबकि यह काम पुलिस मुलाजिमों द्वारा किया जाना बनता था। हादसे के बाद ट्राली के जहां परखचे उड़ गए, वहीं ट्राली में पड़ा सामान जिनमें युवकों के पैरों के बूट और चप्पलें सड़क पर बिखरी पड़ी थीं, जिनको देख पारिवारिक सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था।

दो कारणों से और बड़ा हो सकता था हादसा
नगर कीर्तन के आगे छोटी ट्राली में करीब 15 युवक करीब 13 से 20 साल उम्र के आतिशबाजी कर रहे थे। ये युवक ट्राली में पड़ी गंधक और पोटाश से अपने ही बनाए एक तोप जैसे औजार से पटाखे चला रहे थे जो बड़ी आवाज करती थी। तोप खराब हो गई तो सभी युवक अड्डा डालेके में वैल्डिंग वाली दुकान की तलाश करते गांव पलासौर पहुंचने वाले थे। तभी उन्होंने उसी तोप से फिर पटाखा चलाया तो ब्लास्ट हो गया। बताते हैं कि ट्राली नगर कीर्तन से दूर थी नहीं तो और भी जानें जा सकती थीं। वहीं 400 मीटर दूर एक पैट्रोल पंप भी था। इन दो कारणों से बहुत बड़ा हादसा बच गया।

पुलिस ने नहीं निभाई जिम्मेदारी
नगर कीर्तन के साथ ड्यूटी कर रहे पुलिस मुलाजिमों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, जिससे हादसा हो गया। पुलिस मुलाजिमों के सामने युवक सरेआम धमाका सामग्री प्रयोग कर रहे थे पर उन्होंने उन्हें नहीं रोका, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही किसी भी आतिशबाजी चलाने पर पाबंदी लगा रखी है।

युवकों ने नहीं मानी बात
गांव पलासौर निवासी सुखराज सिंह, गांव डालेके सरपंच नवरूप सिंह, पैट्रोल पंप के मालिक एडवोकेट बलदेव सिंह समेत अन्य लोगों ने बताया कि युवकों को कई लोगों ने रोक कर समझाया था कि आतिशबाजी से नुक्सान हो सकता है, लेकिन युवकों ने किसी की नहीं सुनी और हादसा हो गया। 

हादसे में ये हुए जख्मी
इस हादसे में जख्मी गुरकीरत सिंह (16) पुत्र वजीर सिंह गंभीर है, वहीं गुरसिमरत सिंह (17) पुत्र दिलबाग सिंह, हरनूर सिंह (17) पुत्र सुखराज सिंह, हरमन सिंह (15) पुत्र सुखराज सिंह, दविंदर सिंह (17) पुत्र कुलदीप सिंह, परमजोत सिंह (20) पुत्र सुखदेव सिंह सभी निवासी पहूविंड, नारायणदीप सिंह (18) पुत्र हैपी सिंह, अजयपाल सिंह (17) पुत्र बिक्रमजीत सिंह दोनों निवासी माड़ी उदोके, अनमोल प्रीत सिंह (17) पुत्र रणजीत सिंह और गुरशरन सिंह (18) पुत्र सुखदेव सिंह, हरगुन सिंह (17) दोनों निवासी पहूविंड गुरु नानक देव मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल तरनतारन और सिविल अस्पताल में उपचाराधीन हैं। 

Edited By

Sunita sarangal