कांग्रेस आलाकमान नवजोत सिद्धू को बनाना चाहती है पंजाब कांग्रेस का प्रधान

punjabkesari.in Friday, Jun 25, 2021 - 10:07 AM (IST)

पटियाला(राजेश पंजौला) : गत कई दिनों से चल रहे कैप्टन व सिद्धू घमासान की मूल जड़ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान पद है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पी.पी.सी.सी.) का प्रधान बनाना चाहती है और इस बारे में लगभग फैसला हो भी चुका है परंतु मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह किसी भी हालत में सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाना नहीं चाहते।

इसका एकमात्र कारण यही है कि अगर आलाकमान सिद्धू को पी.पी.सी.सी. प्रधान बनाती है तो पंजाब में यह मैसेज चला जाएगा कि अगले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नवजोत सिंह सिद्धू ही होंगे। इसके अलावा सिद्धू पंजाब में कैप्टन के समानांतर एक शक्ति के रूप में खड़े हो जाएंगे और विवादित मुद्दों पर बोलकर कैप्टन अमरेंद्र के लिए समस्या खड़ी करेंगे। यही वजह है कि कैप्टन किसी भी तेज-तर्रार नेता को पंजाब प्रधान नहीं बनने देना चाहते। कांग्रेस हाईकमान के पास विभिन्न स्रोतों से यह सूचना पहुंची है कि पंजाब में नवजोत सिद्धू के बिना सरकार रिपीट होना नामुमकिन है। 3 सदस्यीय कमेटी ने पंजाब के जिन भी विधायकों से मीटिंग की है उन्होंने यही फीडबैक दी है कि पंजाब में कांग्रेस की नहीं अपितु अफसरशाही की सरकार है। टकसाली कांग्रेसियों की कोई सुनवाई नहीं है, यहां तक कि मंत्रियों की उनके विभागों के सचिव भी नहीं मानते और मंत्रियों के कहने के बावजूद फाइलें नहीं निकाली जातीं।

कैप्टन को मनाने के लिए सोनिया गांधी ने अंबिका सोनी व राहुल गांधी ने सांसदों की लगाई ड्यूटी
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी नवजोत सिंह सिद्धू को हर हालत में पंजाब प्रधान बनाना चाहते हैं। इसके लिए जहां सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरेंद्र को मनाने के लिए अंबिका सोनी की ड्यूटी लगाई है वहां राहुल गांधी ने पंजाब के सांसदों की ड्यूटी लगाई है। यही वजह है कि रवनीत सिंह बिट्टू जैसे सांसद भी कैप्टन के पक्ष में खड़े हो गए। सूत्रों के मुताबिक रवनीत बिट्टू राहुल गांधी के कहने पर ही कैप्टन के साथ खड़े हैं। आलाकमान चाहती है कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो ताकि केन्द्र की मोदी सरकार का मनोबल तोड़ा जा सके। इसके लिए आलाकमान कैप्टन व सिद्धू दोनों को इकट्ठे मिलकर चलने के लिए दबाव बना रही है। सरकार रिपीट करने के लिए दोनों की ही जरूरत है। हाईकमान को पता है कि कैप्टन व पंजाब सरकार के खिलाफ जो एंटी इंकम्बैंसी है उसको केवल नवजोत सिंह सिद्धू ही दूर कर सकते हैं इसलिए हाईकमान दोनों को साथ रखकर मिशन 2022 फतह करने के लिए दबाव बना रही है।

विधायक सिद्धू की लोकप्रियता से खुश परंतु व्यवहार से नहीं
कांग्रेस आलाकमान ने जब पंजाब के विधायकों से बात की तो यह बात भी उभर कर सामने आई कि विधायक यह तो मानते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की नैया पार लगा सकते हैं और उनकी लोकप्रियता है परंतु कैप्टन की तरह विधायक भी सिद्धू के व्यवहार से खुश नहीं हैं। नवजोत सिद्धू भी महाराजा स्टाइल में काम करते हैं, वह भी किसी की नहीं सुनते। विधायकों ने यह बात जरूर कही है कि पंजाब की राजनीति मौजूदा समय में उस मोड़ पर खड़ी है कि सिद्धू जिस तरफ जाएगा पलड़ा उसी तरफ भारी होगा परंतु वे प्रधान पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह जैसा टकसाली कांग्रेसी चाहते हैं जोकि कैप्टन व सिद्धू सहित सभी को साथ लेकर चल सके।


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Vatika

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