वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट ने खोली जी.एस.टी. की पोल : व्यापार मंडल

punjabkesari.in Sunday, Mar 18, 2018 - 09:55 AM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने कहा कि वल्र्ड बैंक की रिपोर्ट ने भारत में जी.एस.टी. की पोल खोल दी है, जिसके अनुसार भारत में जी.एस.टी. का फार्म सबसे जटिल बनाया गया है तथा साथ ही भारत में सबसे ऊंची टैक्स दरें लागू की गई हैं। प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्यारे लाल सेठ तथा महामंत्री समीर जैन व सुनील मेहरा ने कहा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत में लागू जी.एस.टी. को पाकिस्तान व घाना की श्रेणी में रखा गया है। टैक्स रेट कम करने के साथ ही कानूनी प्रावधानों को सरल बनाने की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि वल्र्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 115 देशों से भारत में टैक्स रेट सबसे ऊंचा है।

लाइव मिंट के अनुसार रिपोर्ट में शामिल देशों में भारत की तरह ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू है। मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 को अमल में लाए गए जी.एस.टी. के ढांचे में 5 स्लैब (0,5,12,18 व 28 प्रतिशत)बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई वस्तुओं व सेवाओं को जी.एस.टी. के दायरे से बाहर भी रखा है। जैसे सोने पर 3 व कीमती पत्थर पर 0.25 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया गया है वहीं अल्कोहल, पैट्रोलियम उत्पाद व रियल एस्टेट पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी और बिजली बिल को जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और घाना की श्रेणी में भी दुनिया के 49 देशों में जी.एस.टी. के तहत 1 और 28 देशों में 2 स्लैब हैं। भारत समेत 5 देशों(इटली, लग्जम्बर्ग, पाकिस्तान और घाना ) में 5-5 स्लैब रखे गए हैं।

भारत के अलावा इन चारों देशों की अर्थव्यवस्था की हालत डावांडोल है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने 12 और 18 प्रतिशत वाल स्लैब को एक करने का वायदा किया था परन्तु अभी तक इसे व्यावहारिक रूप नहीं दिया गया। व्यापार मंडल ने जी.एस.टी. को लेकर आ रही मुश्किलों के संदर्भ में प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है तथा व्यापारी वर्ग उम्मीद करता है कि केंद्र इस पर कार्रवाई करेगा। आर.बी.आई. की रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट का रुख देखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्यों को जी.एस.टी. का बनता हिस्सा जल्द रिलीज करना चाहिए ताकि व्यापारियों को समय पर टैक्स रिफंड मिल सके। 


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