डायरिया से युवक व महिला की मौत

punjabkesari.in Tuesday, Jun 27, 2017 - 08:57 AM (IST)

लुधियाना(सहगल): महानगर के ग्यासपुरा क्षेत्र में पड़ते हरगोबिंद नगर की गली नंबर 6 में एक युवक की डायरिया से मौत हो गई। अजय (17) के परिजनों के अनुसार उसे वमन-दस्त की शिकायत थी। गत रात्रि उसे डाक्टर के पास ले जाया गया परंतु दवाई के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं आया और रात 2 बजे के करीब उसकी मौत हो गई। उधर, फिल्लौर में भी डायरिया से एक महिला की मृत्यु हो गई। 

जिला मलेरिया अफसर डा. रमेश ने उक्त युवक की मौत को संदिग्ध श्रेणी में रखते हुए बताया कि उक्त युवक को कुछ दिन पहले टाइफायड हुआ था परंतु उक्त दलील से इलाका निवासी सहमत नहीं दिखाई दे रहे थे। दूसरी ओर ग्यासपुरा क्षेत्र की मक्कड़ कालोनी व सम्राट कालोनी में मरीजों का आना जारी रहा। सेहत विभाग द्वारा लगाए मैडीकल कैम्प में शाम 5 बजे तक 43 नए मरीज सामने आए। अब तक मैडीकल कैम्प में 333 मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि 36 मरीज अभी भी सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। इलाके में मरीजों की संख्या 500 से अधिक हो गई है। आज स्टेट प्रोग्राम अफसर डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर ने चंडीगढ़ से आकर प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल पूछा और खानापूर्ति करके लौट गए।  

गवर्नर के निर्देशों पर लगाया अड़ंगा, अफसर दे रहे साथ  
हर वर्ष गवर्नर की तरफ से महामारियों से बचाव के लिए एपिडैमिक एक्ट के तहत जारी नोटीफिकेशन में वाटर सैम्पङ्क्षलग व अन्य निर्देश स्वास्थ्य सचिव के माध्यम से हर जिले के जिलाधीशों को भेजे जाते हैं। इन निर्देशों के तहत पानी के सैम्पल सफाई व्यवस्था गली-सड़ी सब्जियां व फल नष्ट करवाने आदि के निर्देश दिए जाते हैं परंतु नैशनल वैक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के स्टेट अफसर डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर ने एक निर्देश जारी कर स्टेट में निगम, पब्लिक हैल्थ तथा स्कूलों में पानी की जांच बंद करवा दी

सरकार द्वारा जारी एपिडैमिक एक्ट के तहत जारी नोटीफिकेशन की उल्लंघना 2 वर्षों से जारी है और इसमें स्थानीय अधिकारी भी उसका साथ दे रहे हैं। इस वर्ष भी उक्त एक्ट के तहत जिलाधीश ने पानी की सैम्पङ्क्षलग करने को कहा है। पानी की सैम्पङ्क्षलग पूरी तरह बंद कराने के कारण ही डायरिया आदि पेयजल जनित रोगों का खतरा बढ़ता है, जिसका एक उदाहरण ग्यासपुरा क्षेत्र में फैला डायरिया है। 

क्या कहते हैं स्वास्थ्य निदेशक 
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डा. राजीव भल्ला ने कहा कि एपिडैमिक डिजीज एक्ट के तहत सभी सिविल सर्जनों को पानी की सैम्पङ्क्षलग करवाने को कहा गया है। यह पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव का बेहतर तरीका है। इसे रोका नहीं जा सकता। इसमें फैक्टरियों, बर्फ के कारखानों, स्कूलों, पब्लिक हैल्थ के तहत पानी की सैम्पङ्क्षलग आवश्यक है। 

पानी के सैम्पल लिए 
हरगोबिंदपुरा क्षेत्र में डायरिया के कुछ मामले सामने आने पर सेहत विभाग ने इलाके की गली नंबर-16, 17 व 19 से पानी के 5 सैम्पल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा है। इससे पहले बीते 2 दिनों में निगम द्वारा पानी के टैंकरों के 11 सैम्पल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा चुका है। लोगों का कहना है कि सेहत विभाग अपना घर संभालने की बजाय दूसरों के घर में ताक-झांक की आदत से बाज नहीं आ रहा है। पहले उसे अपने स्तर पर जनहित में पानी की सैम्पङ्क्षलग व्यापक स्तर पर करनी चाहिए। 


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