मुक्तेश्वर धाम के अस्तित्व को खतरा!

punjabkesari.in Monday, Feb 19, 2018 - 07:30 AM (IST)

पठानकोट/शाहपुरकंडी (शारदा) : नगर से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुक्तेश्वर धाम पंजाब सहित आसपास के हजारों शिव भक्तों के लिए आराध्य स्थल है। यहां 5500 वर्ष पुरानी पांडवकाल की ऐतिहासिक गुफाएं भी स्थित हैं। भगवान शिव से जुड़े इस ऐतिहासिक मंदिर, जोकि रावी दरिया के किनारे स्थित है, के अस्तित्व को लेकर खतरा बना हुआ है क्योंकि अंदेशा है कि नीचे कुछ ही किलोमीटर दूरी पर  रणजीत सागर बांध परियोजना की सिस्टर कन्सर्न परियोजना की विस्तृत झील अस्तित्व में आते ही ये पवित्र एवं ऐतिहासिक गुफाएं जल समाधि ले सकती हैं।

चूंकि शाहपुरकंडी डैम प्रोजैक्ट, जिसे बैराज प्रोजैक्ट भी कहा जाता है, निर्माण से अधिक कार्य अधर में लटकने के लिए ज्यादा जाना जाता है। वहीं मुक्तेश्वर धाम की 5500 वर्ष पुरानी व ऐतिहासिक गुफाओं को डैम की झील में जल समाधि लेने से बचाना बड़ी चुनौती है।

शिव भक्तों की आस्था पर है वज्रपात
जैसा कि मानना व दावा है कि मुक्तेश्वर धाम की पवित्र गुफाएं हजारों वर्ष पुरानी एवं महाभारत काल की हैं। वहीं रावी दरिया के किनारे स्थित इन गुफाओं में शिव मंदिर का निर्माण भी करवाया गया था। शिव भक्तों का मानना है कि गुफाओं में स्थित शिव मंदिर अत्यंत प्राचीन व ऐतिहासिक हैं। ऐसे में इस पौराणिक मंदिर के शाहपुरकंडी डैम निर्माण दौरान झील उभरने पर जल समाधि लेने की आहट भर से शिव भक्तों में भय पैदा हो जाता है। प्रत्येक शिव भक्त चाहता है कि डैम रूपी हाइड्रो प्रोजैक्टों या विकास की बलिबेदी पर उनका आराध्य स्थल न चढ़ जाए।

पंजाब सरकार ने बजट में प्रावधान किया तो शिव भक्त होंगे ङ्क्षचता मुक्त
अगले माह मार्च में पंजाब सरकार अपना बजट पेश करने जा रही है। अगर सरकार इस एतिहासिक धाम को बचाने के लिए कृतसंकल्प है तो उसे इस बजट में फंड की व्यवस्था करनी होगी। अगर इस बजट में फंड की व्यवस्था हो जाती है तो सभी शिव भक्त ङ्क्षचता मुक्त होंगे और सरकार की नीयत भी स्पष्ट हो जाएगी कि वह दिल से इस मुद्दे पर जनता के साथ है।

प्रदेश कांग्रेस प्रधान एवं सांसद जाखड़ ने भी उठाया मुक्तेश्वर धाम को बचाने का बीड़ा
सनद रहे कि इस पवित्र धाम को डैम की झील में जल समाधि लेने से बचाने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ जो अब गुरदासपुर लोकसभा हलके  के सांसद भी हैं तथा उक्त धार्मिक स्थल उनके ही संसदीय क्षेत्र में आता है, ने भी बीड़ा उठाया है। पिछले दिनों ही जाखड़ ने मुक्तेश्वर धाम का दौरा करके वहां पूजा-अर्चना की तथा शिव भक्तों को आश्वास्त किया कि किसी भी सूरत में इन ऐतिहासिक गुफाओं व पवित्र शिवङ्क्षलग को डैम की झील की भेंट नहीं चढऩे दिया जाएगा तथा इसे बचाने व डैम निर्माण के बीच कोई वैकल्पिक हल निकाला जाएगा।

तीनों हलकों के विधायकों ने मुक्तेश्वर धाम बचाने का किया है दावा
इस धार्मिक स्थल पर चूंकि जिले के तीनों हलकों से शिव भक्त नमन करने आते-जाते हैं, ऐसे में तीनों ही हलकों के विधायक इस मुक्तेश्वर धाम के अस्तित्व को बरकरार रखने व जल समाधि लेने से बचाने के आगे आकर दावा कर चुके हैं कि इस ऐतिहासिक धार्मिक स्थल को किसी भी विकास रूपी प्रोजैक्ट की भेंट नहीं चढऩे देंगे।


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