अकाली सरकार के समय किसी की पगड़ी नहीं उतारी : बादल

punjabkesari.in Saturday, Jun 24, 2017 - 09:25 AM (IST)

भटिंडा (बलविंद्र): विधान सभा के बाहर आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक पिरमल सिंह की पगड़ी उतरने को अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल ने इसे शर्म वाली कार्रवाई करार दिया, परंतु बादल सरकार के समय शायद ही कोई ऐसा शहर होगा, जहां धक्का-मुक्की के दौरान संघर्ष कर रहे पिरमल सिंह की पगड़ी न उतारी गई हो।

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पिरमल की पगड़ी उतारना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण
क्या ‘पिरमल की पगड़ी’ की इज्जत अकाली सरकार के वक्त नहीं थी? इस सवाल का जवाब देने के बजाए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का कहना है कि कांग्रेस सरकार समय पिरमल की पगड़ी उतारना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन अकाली सरकार के समय किसी की पगड़ी नहीं उतारी गई।बादल ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सरकार की हालत इतनी खराब हो गई है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह, वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ अपनी रंजिश निकालने के लिए बजट के दौरान भी विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए। केवल 100 दिनों में ही कांग्रेस की असलियत सामने आ गई व सरकार लोगों का विश्वास खो बैठी है। उन्होंने कहा कि मैनीफैस्टो हर पार्टी के लिए गंभीर विषय होता है व जो पार्टी मैनीफैस्टो पर पूरी न उतर पाए उसे वजूद में रहने का कोई अधिकार नहीं होता।

मीडिया कर रहा आम आदमी पार्टी की मदद 
बादल ने कहा कि मीडिया आम आदमी पार्टी की मदद कर रहा है लेकिन यह ठीक नहीं है। मीडिया को निष्पक्ष रहना चाहिए क्योंकि मीडिया के लिए सभी पाॢटयां व नेता बराबर होते हैं। जो असलियत है वही लोगों के सामने लाई जाए। किसी नेता की ओर झुकना सही नहीं है। बादल यहां सीनियर पत्रकार हुकम चंद शर्मा के निधन पर उनके परिवार के साथ दुख सांझा करने पहुंचे थे। इस अवसर पर स्व. श्री शर्मा के सपुत्र पार्षद हरविंद्र शर्मा व अन्य परिजनों के साथ उन्होंने दुख बांटा व परिवार को हौसला दिया। 

अकालियों को उस वक्त शर्म क्यों नहीं आई : पिरमल 
वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक पिरमल सिंह ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल को अब उनकी पगड़ी उतारने का मामला गंभीर व एक शर्मनाक कार्रवाई दिखाई दे रहा है लेकिन उनकी सरकार के समय पिरमल सिंह व अन्य संघर्षकारियों की पगडिय़ां खुद उन्होंने उतरवाई थीं। उस वक्त उन्हें यह सब शर्मनाक नहीं लगा। उन्होंने कहा कि पिरमल सिंह की पगड़ी की इज्जत बादलों के राज में भी उतनी ही थी व आज भी उतनी ही है क्योंकि एक सरदार व्यक्ति की पगड़ी की इज्जत हमेशा थी व हमेशा रहती है।
 


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