COVID-19 की रोकथाम में विफलता के लिए कैप्टन मांगे बलबीर सिद्धू से इस्तीफा : मजीठीया

punjabkesari.in Thursday, Apr 30, 2020 - 02:57 PM (IST)

अमृतसर(ममता): शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अनुरोध किया है कि कोविड-19 की रोकथाम में बुरी तरह नाकाम रहने के लिए वह स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से इस्तीफा लें। इसके साथ ही पार्टी ने पंजाब में कोविड मृत्यु दर घटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है। पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने पत्रकारों से कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू जोकि पहले ही करोड़ों रूपए की बुप्रेनोरफिन गोलियां गायब करके विभाग पर धब्बा लगा चुका है, कोविड-19 की रोकथाम में बुरी तरह नाकाम साबित हुआ है।
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उन्होंने कहा कि उसे इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वह पहले ही अपने घर के बाहर बोर्ड लगा चुका है वह लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है व वह अस्पतालों में जाने से इंकार कर चुका है जिस तरह कि केरल तथा हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री जाते हैं, जिसके कारण इन राज्यों में कोविड मृत्यु की दर एक फीसदी से भी कम है, जबकि पंजाब में यह दर 6 फीसदी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बलबीर सिद्धू का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार राज्य में कोविड केसों की संख्या तथा मृत्यु की दर बढाऩे के लिए जिम्मेदार है। अकाली नेता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री उन श्रद्धालुओं के मामले में कुप्रबंधनों के लिए भी जिम्मेदार है, जिन्हें श्री हजूर साहिब से वापिस लाया गया है। जिला मुख्यालय पर श्रद्धालुओं को क्वारंटाइन करने के निर्देश 27 अप्रैल को पहुंचे थे, जबकि श्रद्धालु 24 तथा 25 अप्रैल का पंजाब में आने शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि स्वास्थ्य विभाग ने आई.सी.एम.आर. के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया। उन्होंने एम्बुलैंसों तथा अस्पतालों में गंदगी संबंधी सामने आए ताजा मामलों पर भी प्रश्न उठाया।

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अकाली नेता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त किए फंडों का उपयोग नहीं कर रहा है। केंद्र द्वारा एन.आर.एच.एम. योजना के तहत पंजाब को 112 करोड़ रूपए दिए जा चुके हैं, इन पैसों का अभी तक उचित इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस तरह आपदा प्रबंधन फंड के तहत प्राप्त किए 247 करोड़ में से अभी तक सिर्फ 16 फीसदी केवल 40 करोड़ रूपए खचर्ने के लिए भेजे गए हैं तथा इनमें से सिर्फ &4 फीसदी ही वास्तव में खर्च किए गए हैं। लॉकडाऊन बढ़ाने तथा सीमित छूट देने संबधी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान लोग सिर्फ आवश्यक वस्तुएं ही खरीद पाएंगे। उन्होंने एक आर्थिक पैकेज की मांग करते कहा कि खेत मजदूरों तथा दिहाड़ीदारों को 6 हजार रुपए की सहायता देनी चाहिए। घरेलु बिजली तथा पानी के बिल आधे कर देने चाहिए। उन्होंने उद्योगों के लिए बिजली के नियमित खर्चे हटाने तथा बिजली बिल आधे करने की भी मांग की।


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