बंगलादेशियों ने सेना के जी.जी. फोर्ट के बाहर बनाई झुग्गी झोपड़ी बस्ती

punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2019 - 12:48 PM (IST)

अमृतसर(नीरज): पठानकोट एयरबेस व गुरदासपुर में लगातार दो बार हो चुके आतंकवादी हमले के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब में सैनिक ठिकानों पर तीसरे हमले का अलर्ट जारी किया हुआ है तो वहीं अमृतसर में सेना के जी.जी. फोर्ट के बाहर सुरक्षा में भारी लापरवाही देखने को मिल रही है। जानकारी के अनुसार जी.जी. फोर्ट (किला गोबिंदगढ़) के बिल्कुल सामने 20 मीटर की दूरी पर दर्जनों बंगलादेशी भिखारियों ने सड़क किनारे एक झुग्गी झोपड़ी बस्ती बना रखी है जो सुरक्षा के लिहाज से ना सिर्फ सेना बल्कि प्रशासन के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है।

वैसे भी सैनिक ठिकानों के आसपास किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है और ना ही कोई अवैध निर्माण किया जा सकता है लेकिन यहां पर एक पूरी की पूरी बस्ती बना दी गई है। इन बंगलादेशी भिखारियों के पासकिसी प्रकार का पहचानपत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड या फिर कोई अन्य आई.डी. प्रूफ भी नहीं है। यह लोग अमृतसर में कहां से आए हैं? किस प्रकार से आए हैं और किसकी शह पर सेना के किला गोङ्क्षबदगढ़ के बाहर झुग्गी झोपडियां बनाकर बैठे हुए हैं? इसका किसी के पास जवाब नहीं है इतना ही नहीं सेना की तरफ से भी इस प्रकार अवैध झुग्गी झोपडियों का विरोध क्यों नहीं किया जा रहा? यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है यदि सेना की तरफ से इसका विरोध किया गया है तो अभी तक इस झुग्गी झोपड़ी बस्ती को सेना के ठिकाने के सामने से हटाया क्यों नहीं गया है? वहीं केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सैनिक ठिकानों पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया हुआ है। 

प्रशासन ने बेसहारों व भिखारियों के लिए बना रखा है रैन बसेरा

बेसहारा लोगों व भिखारियों के लिए अमृतसर जिला प्रशासन की तरफ से रैन बसेरा योजना चलाई जा रही है जहां पर रहने वाले भिखारियों व बेसहारा लोगों को फ्री में खाने पीने की सुविधा दी जा रही है। रैडक्रास सोसायटी की तरफ से इन लोगों को फ्री में दवाएं व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं यहां तक कि इन लोगों को प्रशासन की तरफ से रोजगार के अवसर भी प्रदान करवाए जा रहे हैं। रैन बसेरा में रहने वाले लोग जो अपने राज्यों में वापस लौटना चाहते हैं उनका प्रशासन की तरफ से पुर्नवास भी करवाया जा रहा है और फ्री रेल टिकट तक मुहैया करवाई जा रही है इन सभी सुविधाओं के बावजूद किला गोङ्क्षबदगढ़ के सामने झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले भिखारी प्रशासन के रैन बसेरा में क्यों नहीं जा रहे हैं यह एक बड़ा सवाल है।

कई बार जासूसी के मामलों में पकड़े जा चुके हैं भिखारी
बंगलादेशी भिखारियों की बात करें तो कई बार सैनिक ठिकानों के आसपास भीख मांगने वाले भिखारी सेना की जासूसी करते हुए पकड़े जा चुके हैं। ऐसे भिखारी पाकिस्तान के लिए काम करते हैं और सेना की गतिविधियों पर नजर रखते हैं जिस प्रकार से किला गोबिंदगढ़ के बाहर दर्जनों भिखारी डेरा जमाए हुए हैं वह हैरानीजनक है।भीख मांगने वाले गैंग्स की बात करें तो यह साबित हो चुका है कि भीख मांगने वाले ज्यादातर भिखारी भीख मांगने की आड़ में आपराधिक वारदातों को भी अंजाम देते हैं। 

बंगलादेशियों की करवाई जाएगी जांच : ए.डी.सी.
ए.डी.सी. हिमांशु अग्रवाल ने कहा है कि बेसहारा और बिखारियों के लिए प्रशासन की ओर से रैनबसेरा योजना चलाई जा रही है जिसमें फ्री खाना, दवाई, रहने-सहने यहां तक की रोजगार का भी प्रबंध किया गया है। किला गोङ्क्षबदगढ़ के सामने रह रहे बंगलादेशियों की जांच करवाई जाएगी। गुरु की नगरी श्री अमृतसर साहिब में श्री हरिमंदिर साहिब व अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन करने के लिए रोजाना एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु आ रहे हैं कई बार तो यह संख्या 2 लाख तक पहुंच जाती है। 


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