अभी भी कई घरों में नहीं बने शौचालय, प्रशासन ने सरकार को भेजी है रिपोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2019 - 10:15 AM (IST)

बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे देश में हर घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बरनाला शहर में भी हर घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कई महीने पहले प्रशासन द्वारा भारत सरकार को यह लिखकर भी भेजा गया था कि अब बरनाला में हर घर में शौचालय है। परंतु प्रशासन के दावों की फूंक उस समय निकलती दिखाई दी जब रायकोट रोड रामदेव नगर में कई घरों में शौचालय बना ही नहीं। यह लोग अब भी खुले आसमान के नीचे शौच जाने को मजबूर हैं। कई घरों में शौचालय टूटे हुए हैं। उनकी मुरम्मत के लिए भी सरकार ने कोई सहायता उपलब्ध नहीं करवाई। 

शौचालय बनाने के लिए डाले गए सिर्फ एक किस्त के पैसे बाकी पैसे कहां गए पता नहीं 

पार्षद जगराज सिंह पंडौरी ने कहा कि प्रशासन द्वारा नए शौचालय बनाने के लिए तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपए देने की बात कही गई थी। लोगों ने अपने टूटे शौचालयों की जगह नए शौचालय का निर्माण करना शुरू कर दिया।एक किस्त के पैसे तो सरकार द्वारा लोगों को दे दिए गए। बाकी दो किस्तों के पैसे अभी तक लोगों को नहीं दिए गए। गरीब लोगों ने कर्जा उठाकर अपने घरों में शौचालयों का निर्माण करवाया। बाकी दो किस्तों के पैसे कहां गए इसका अभी तक पता नहीं चल सका। सरकार को इस मामले की गहराई से जांच करवानी चाहिए कि जरूरतमंद लोगों को यह पैसे क्यों नहीं दिए गए। अब भी सेखा रोड पर कई ऐसे घर हैं जिनके घरों में शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ। यह लोग अभी भी मजबूरीवश खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जबकि प्रशासन ने सरकार को लिखकर भेजा है कि बरनाला शहर में सभी घरों में शौचालय हैं पता नहीं प्रशासन ने कहां से सर्वे करवाए हैं। सर्वे को जमीनी स्तर पर किया जाए ताकि सच्चाई प्रशासन के सामने आ सके। झूठे सर्वे करने का कोई फायदा नहीं। 

महिला होकर खुले में शौच जाने को मजबूर, दिन में होती है भारी समस्या 

बातचीत करते हुए रायकोट रोड रामदेव नगर में रहने वाली दियाली ने कहा कि एक तरफ तो सरकार कह रही है कि हर घर में शौचालय का निर्माण किया जाएगा। मैंने सुना है कि  बरनाला में हर घर में शौचालय होने के प्रशासन द्वारा दावे किए जा रहे हैं परंतु मेरे घर में तो किसी ने शौचालय का निर्माण नहीं करवाया तथा न ही मुझे घर में शौचालय बनाने के लिए कोई सहायता प्रदान की गई, जिस कारण मैं महिला होकर भी खुले में शौच जाने को मजबूर हूं। यदि दिन के समय मुझे शौचालय जाना पड़ जाए तो भारी समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि आसपास काफी घर हैं। बड़ा लंबा रास्ता तय करके खेतों में जाना पड़ता है। दिन के समय खेतों में भी लोग घूमते रहते हैं इसलिए भारी परेशानी होती है। 


बाथरूम टूटे पड़े हैं, दरवाजे भी नहीं जवान लड़कियों को होती है समस्या 
बातचीत करते हुए महेन्द्र देवी ने कहा कि घर के बाथरूम टूटे पड़े हैं। शौचालयों में दरवाजे भी नहीं हैं। टूटे शौचालय कब ऊपर गिर जाएं इसका भी पता नहीं। घर में 2 जवान लड़कियां हैं, दरवाजे न होने के कारण व शौचालय टूटे होने के कारण भारी समस्या आती है। सरकार द्वारा हमें भी शौचालय बनाने के लिए कोई मदद नहीं दी गई। जबकि सरकार द्वारा दावा किया जाता है कि नए शौचालय बनाने में अरबों रुपए खर्च कर दिए गए हैं यह पैसे कहां खर्च हुए हमें तो पता नहीं। हम तो भारी समस्या से जूझ रहे हैं। 

शौचालय बनाने के लिए पैसे नहीं, सरकार नहीं कर रही हमारी सहायता
सेखा रोड पर रहने वाली रीना ने कहा कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। शौचालय टूटे पड़े हैं। मेरे पास पैसे नहीं कि नए शौचालय का निर्माण करवा सकूं। शौचालय पर दरवाजे नहीं लगे, छत भी नहीं है। जबकि सरकार नए शौचालय के निर्माण के लिए सहायता दे रही है परंतु हमारे पास कोई सहायता नहीं पहुंची। जिस कारण हमारे परिवार को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News

Related News