मौसम विभाग की भविष्यवाणी को लेकर निगम के हाथ-पांव फूले

punjabkesari.in Tuesday, May 22, 2018 - 01:29 PM (IST)

बठिंडा (विजय): मौसम विभाग द्वारा जून से शुरू होने वाली बरसात संबंधी भविष्यवाणी की गई कि इस बार औसतन बरसात पिछले वर्ष से अधिक होने की संभावना है, जिसका आंकड़ा 105 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है। विभाग द्वारा इस भविष्यवाणी को नगर निगम ने गंभीरता से लेते हुए शहर में जलबहाव को रोकने के लिए पूरे शहर को 8 जोन में बांट दिया। 4-4 जोन के प्रबंधों को लेकर 2 एक्सियन तैनात किए गए हैं, जिनमें संदीप गुप्ता व दविंद्र जौड़ा को यह जिम्मा सौंपा गया। नगर निगम के बजट में बरसात के दिनों में बाढ़ को रोकने के लिए 8 करोड़ रुपए रखे गए हैं।

इस मामले को लेकर नगर निगम बठिंडा के कमिश्नर ऋषिपाल के नेतृत्व में एक अहम बैठक हुई, जिसमें बाढ़ को रोकने व राइजिंग मेन चलाने के लिए चर्चा हुई। कमिश्नर ने सीवरेज बोर्ड व जिला प्रशासन के अधिकारियों के संग रोजगार्डन स्थित स्पॉट पर बैठक कर कई हिदायतें भी जारी कीं। इनमें बरसात के दिनों में मोटरों की देख-रेख करना, सड़क के किनारे बनी जालियों को साफ करना, पानी की निकासी के बेहतर प्रबंध करने व शहर में एक घंटा से अधिक पानी न रुकने देने के निर्देश भी जारी किए। अभी बरसातों को लगभग एक महीना पड़ा हुआ है, तब तक नगर निगम क्या तैयारियां करेगा इसका पता बाद में चलेगा। इसके लिए अभी तक सरकार ने कोई भी अतिरिक्त फंड नगर निगम को नहीं दिया। 
 

पानी की निकासी को लेकर विशेष प्रबंध करने के निर्देश 
शहर के निचले क्षेत्रों में आम तौर पर तीन-तीन फुट तक पानी जमा हो जाता है, जिससे सड़क के किनारे दुकानें व मकान पानी में डूब जाती हैं और आवाजाही अवरुद्ध रहती है, उससे निपटने की भी योजना तैयार की जा रही है। बरसात के दिनों में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से मानसा रोड पर बने अंडरब्रिज का ड्रेन सिस्टम बुरी तरह फेल है और वहां कई-कई दिन पानी जमा होने से पूरा हाईवे अवरुद्ध हो जाता है। नगर निगम ने सीवरेज बोर्ड को निर्देश जारी किए कि वहां बड़ी मोटरों के साथ विशेष प्रबंध किए जाएं ताकि पानी रुक ने न पाए। 

हादसे को रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन
बरसात का पानी निकालने के लिए नगर निगम ने राइजिंग मेन की योजना तैयार की, जिसका न्यायालय में मामला लंबित था, लेकिन अब वह निगम के हक में हो चुका है। राइजिंग मेन बनाने के लिए लगभग डेढ़ वर्ष का समय चाहिए, जो आगामी मानसून में तैयार होना मुश्किल है। राइजिंग मेन कम्पलीट न होने से स्लम नाला में पानी छोड़ दिया जाता है, जो तेज बहाव के कारण कई बार टूट चुका है। इस बार भी यह परेशानी का सबब बना हुआ है। उक्त हादसे को रोकने के लिए नगर निगम ने टास्क फोर्स का गठन भी कर रखा है। 


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