सड़क किनारे बेसहारा पशुओं के लिए बनीं खुर्लियां दे रही हादसों को निमंत्रण, SDM बोले- उनको ओर भी बहुत काम है

punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2019 - 03:34 PM (IST)

जलालाबाद(सेतिया,सुमित): आम लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जहां सरकार की होती है वहीं इन सुरक्षा प्रबंधों को बनाए रखने का जिमा प्रशासन के सिर होता है। परन्तु लगता है कि जलालाबाद में प्रशासन के कंट्रोल नाम की कोई चीज नजर नहीं आ रही और आम वाहन चालकों के लिए शहर के अंदर और शहर के बाहर रोड पर यातायात करनी भी मुश्किल हो चुकी है। 

जानकारी के अनुसार फिरोजपुर फाजिल्का मुख्य मार्ग पर बेसहारा पशुओं को चारा मुहैया करवाने के लिए सड़क किनारे खुर्लियां बनीं हुई हैं ताकि लोग यहां पशुओं को चारा दान कर सकें हालांकि जहां यह पुण्य का काम समझा जा रहा है वहीं सड़क किनारे बढ़ रही पशुओं की संख्या के कारण यह पशु आम लोगों के लिए सड़क हादसों का कारण बन रहे हैं। यदि पिछले 15 दिनों की बात करें तो इन 15 दिनों में 2 लोग सड़क किनारे खड़े पशुओं की चपेट में आने कारण अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे हैं और इससे पहले न जाने कितने ही लोग जख्मी हो चुके हैं। परन्तु स्थानीय प्रशासन की ओर से इस समस्या के हल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। 

उधर शहर निवासियों का कहना है कि समस्या सिर्फ मुख्य मार्ग पर ही नहीं शहर के अंदर पुरानी सब्जी मंडी चौंक, उधम सिंह चौंक, राम लीला चौंक, शामे सोढे वाला, बाह्मनी वाला चुंगी के अलावा ओर कई गली मोहल्ले हैं जहां लगातार बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और अक्सर ही यह पशु आपस में भिड़ते हुए हादसों का कारण बनते हैं। इसके अलावा शहर के मेन बाजारों में ट्रैफिक की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है और दुकानदारों की तरफ से निर्धारित जगह से ज्यादा समान सड़क किनारे रखा जाता है और दोनों तरफ दुकानदारों और रेहड़ी वालों के नाजायज कब्जों कारण यातायात के लिए बनीं सड़कें 5 फुट से भी कम रह जाती हैं और यदि कोई अनहोनी घटना घटती है तो बाजार में न ही एंबुलेंस और न ही फायरबिग्रेड गुजर सकती है। 

इस संबंधी पंजाब केसरी पत्रकार की ओर से 15 दिन पहले फाजिल्का रोड पर पड़ीं खुर्लियों बारे एसडीएम के शव गोयल के साथ बातचीत की तो उसके बाद भी इन खुर्लियों को हटाने बारे कार्यवाही नहीं की गई और इस दौरान हुए हादसों बाबत जब एसडीएम के साथ शुक्रवार को दफ्तर में जा कर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हमें ओर भी काम हैं और बात को अनदेखा कर दिया। परन्तु यहां बताने योग्य है कि यदि संबंधित प्रशासनिक अधिकारी को मामला ध्यान में लाने के बावजूद समस्या के हल की तरफ गौर न हो तो फिर शहर की ओर जरूरी समस्याओं के हल की उम्मीद कहां से लगाई जा सकती है। 
 


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Vaneet

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