पुरानी रंजिश के चलते किया हमला

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 02:51 PM (IST)

पठानकोट : डल्हौजी रोड स्थित ‘यैलो बनैना’ के युवा मालिक पर कुछ हथियारबंद युवकों द्वारा जानलेवा हमला किया गया। डिवीजन नं.-1 के एडिशनल एच.एस.ओ. मंजीत सिंह ने बताया कि उक्त घटना रात साढ़े 10 बजे के करीब घटित हुई है। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले हमलावर भाग चुके थे। घायल आयुश महाजन पुत्र राकेश महाजन को अमनदीप अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से उसे रैफर करके कृष्णा अस्पताल भेज दिया गया। 

घायल के ममेरे भाई उदय ने पुलिस को बताया कि वह अपने फूफा की दुकान पर बैठा था कि रिंका अपने कुछ साथियों सहित वहां आ गया। उसने आते ही आयुश के सिर पर दातर से वार करके उसे घायल कर दिया। घायल हालत में आयुश भागता हुआ मार्कीट के ऊपर गया और दूसरी तरफ से जैसे ही नीचे आया तो रिंके के साथी निक्कू और कुछ और लड़कों ने उसे फिर से घेरकर दातर तथा अन्य हथियारों से हमला कर दिया। इसके बाद हमलावर उसे ललकारते हुए भाग निकले।  

 एडिशनल एस.एच.ओ. ने बताया कि पुष्कर, रिंका, शम्मी, राजू उंगल, छोटा चिड़ी, बड़ा चिड़ी, जीत, निक्कू, सोनू भुल्लर सहित एक दर्जन के करीब अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ हेतु छापेमारी की जा रही है, जिन्हें शीघ्र ही काबू कर लिया जाएगा। 

इससे पूर्व भी झगड़ा हो चुका है दोनों गुटों में

उल्लेखनीय है कि  6 माह पूर्व 13 मार्च, 2018 की मध्य रात्रि को भी इसी मार्ग पर झगड़ा हुआ था। उस केस में आयुश और उसका भाई सहित 9 लोगों पर नामजद तथा 5 अज्ञात लोगों पर 307 का ही मामला दर्ज हुआ था। दोनों गुटों में तब से ही रंजिश चल रही है, अभी भी एक युवक उस केस में ज्यूडीशियल कस्टडी में है। घायल आयुश तथा उसका भाई जमानत पर बाहर आए हैं, आज की इस घटना के बाद जो कि पठानकोट में पहली तरह की घटना है, जो गैंगवार का रूप धारण कर रही है। ऐसा पठानकोट में बहुत ही कम देखने को मिलता है कि पहले एक गुट हमला करे फिर उसका बदला लेने के लिए दूसरा गुट हमला करे।

इसमें कोई दो राय नहीं कि जिला पुलिस एवं एस.एस.पी. विवेकशील सोनी ने उस समय भी और अब भी बहुत सख्त स्टैंड लिया और तुरंत कार्रवाई की व किसी भी प्रकार की राजनीतिक हस्ताक्षेप इस मामले में बर्दाश्त नहीं किया। अब आने वाले समय में यह लड़ाई क्या रुख लेती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा परंतु दो गुटों की यह लड़ाई तथा ललकारबाजी से एक बात स्पष्ट हो गई है कि यह लड़ाई थमने वाली नहीं है। 


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swetha

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