चक्की दरिया में आई बाढ़ से किनारे बसे घरों व उदासीन आश्रम को खतरा

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2019 - 09:30 AM (IST)

पठानकोट (आदित्य): हिमाचल में मूसलाधार बारिश के चलते चक्की दरिया में आई बाढ़ के कारण हो रहे भूमि कटाव से पठानकोट-कुल्लू नैशनल हाईवे के नजदीक दरिया के साथ लगते सैली कुलिया के घरों एवं वहां स्थित उदासीन आश्रम के लिए खतरा बढऩा शुरू हो गया है क्योंकि यह भूमि कटाव दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।

हालांकि कुछ वर्ष पहले इस भूमि कटाव को रोकने हेतु संबंधित विभाग की ओर से एक बांध बनाकर दरिया के पानी के बहाव को मोड़ा गया था परंतु दरिया के किनारे से लेकर बांध के बीच छोड़ी गई खाली जगह में बारिश के कारण पानी भरता गया, जिससे वह भूमि कटाव फिर से शुरू हो गया। यही नहीं इस खाली जगह में भरे पानी की वजह से बांध का एक किनारा भी टूट चुका है, जिससे दरिया के तेज बहाव से बहते पानी ने अपना रुख फिर से घरों एवं आश्रम की ओर कर लिया है। उससे अब लोगों में इस बात की दहशत है कि अगर समय रहते संबंधित विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया तो किसी भी समय जान-माल का नुक्सान हो सकता है। आज इस समस्या को लेकर चक्की दरिया के किनारे एकत्रित हुए उदासीन आश्रम के संस्थापक स्वामी शरणानंद जी महाराज व श्री कृष्णा ट्रस्ट मिशन के अध्यक्ष विजय पासी के साथ-साथ दरिया किनारे रहने वाले लोगों ने संबंधित विभाग से गुहार लगाई कि इस बढ़ते हुए भूमि कटाव को रोकने हेतु बांध की मुरम्मत करवाई जाए।

साथ ही लोगों के घरों व बांध के बीच पड़ी खाली जगह जहां पानी भर रहा है, उसे भरवाया जाए और साथ ही क्रेट भी लगवाए जाएं ताकि इस भूमि कटाव की समस्या का पक्के तौर पर हल हो सके। उन्होंने बताया कि जब भी दरिया में बाढ़ आती है तो हमेशा ही लोगों के घरों को नुक्सान पहुंचता है। पिछले कई वर्षों में अब तक कई घर इसकी चपेट में आ चुके हैं, जिससे लोगों का काफी नुक्सान हो चुका है और कई लोग भय के कारण यहां से कहीं और जा चुके हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा तो यहां लोगों के घर रहने लायक नहीं बचेंगे और वे धीरे-धीरे पूरी तरह भूमि कटाव की चपेट में आ जाएंगे। यही नहीं अगर समय रहते इस भूमि कटाव को नहीं रोका गया तो बिल्कुल पास पड़ते पठानकोट-कुल्लू नैशनल हाईवे को भी नुक्सान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी संबंधित विभाग से मांग कर चुके हैं और अब फिर से उनकी यही मांग है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाए। 


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