कोरोना वायरस का डर: मार्कीट में चीनी उत्पाद गायब, स्वदेशी चीजों से गुलजार हुए बाजार

punjabkesari.in Saturday, Feb 29, 2020 - 08:44 AM (IST)

जालंधर(खुराना): चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस बार होली स्वदेशी होगी। बाजार से चाइनीज उत्पाद गायब हैं और स्वदेशी पिचकारियों, रंगों व गुब्बारों की भरमार है। आमतौर पर भारत में होली से एक महीना पहले से ही चीनी आइटमों की भरमार होने लगती थी परंतु इस बार ज्यादातर देसी पिचकारियां नजर आ रही हैं। कारोबारी बता रहे हैं कि चीन में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आयात पर रोक लगी हुई है जिस कारण न माल आ रहा है और न ही नई आइटमें आ रही हैं।

अटारी बाजार स्थित होलसेल व्यापारी सचिन जग्गी बताते हैं कि होली के लिए आमतौर पर चीन से जनवरी में सामान आना शुरू होता है। इस बार दिसम्बर के मध्य में कोरोना वायरस फैलने की वजह से स्थिति और बिगड़ रही है। इस बार होली पर व्यापारी भी चीनी आइटमों से दूर भाग रहे हैं। इसकी वजह चीन में हजारों लोगों का कोरोना वायरस से संक्रमित होना भी है।होली पर इसी समय चीन से सामान मंगाया जाता है। कोरोना वायरस की वजह से बीमारी फैलने से भारतीय बाजार के व्यापारी भी सकते में हैं क्योंकि उन्होंने कई महीने पहले ही होली पर इस्तेमाल होने वाली आइटमों पिचकारी व अन्य सामग्री आदि की बुकिंग करा दी थी। कारोबारियों ने इसका एडवांस भी दे दिया लेकिन वहां कोरोना वायरस की वजह से सब कुछ बदल गया है। एक कारोबारी ने बताया कि चाइनीज पिचकारी, सिं्प्रकलर्स, बैलून जैसे उत्पादों की मांग तो है परंतु बाजार में माल नहीं है।

इस बार थोड़ी महंगी होगी होली
बाजार में फैंसी आइटमें भी इस बार ज्यादातर स्वदेशी ही हैं। फिलहाल होली का जो स्टॉक व्यापारी मंगवा रहे हैं, उसमें अधिकांश उत्पाद मेड इन इंडिया हैं। हर बार त्यौहारों पर चाइनीज उत्पादों की भीड़ रहती है। भारत में बने उत्पादों के दाम पहले ही चाइनीज उत्पादों के मुकाबले अधिक होते हैं। चीन से आयात रुकने पर इस बार दाम में और इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा की फैक्टरियों में पिचकारी, कलर स्प्रे व रंग इत्यादि बनाने का काम होता है। इस बार होली लोगों की जेब पर कुछ भारी पड़ेगी। पिछले साल जो पिचकारी 35 रुपए में बिकी थी, वह इस बार करीब 50 रुपए की है। रंग और गुलाल के दामों पर कोई खास असर नहीं है। रंग-गुलाल की फैंसी आइटमें भी अब भारत में बनने लगी हैं, लेकिन फैंसी आइटमों में चाइनीज उत्पादों की बिक्री अधिक होती है। ऐसे में इनके दाम बढ़े हैं। बाजार में कुछ ही चाइनीज उत्पाद मौजूद हैं। इसमें गुब्बारों की आइटमें सबसे अधिक हंै। इनमें एक साथ कई गुब्बारों में पानी भरा जा सकता है। बाजार में कुछ चाइनीज स्प्रे भी मौजूद हैं। 

इको फ्रैंडली रंगों की मांग अधिक 
होली की आइटमों की होलसेल कारोबार करने वाले सचिन जग्गी बताते हैं कि लोग पर्यावरण प्रति जागरूक होते जा रहे हैं इसलिए इस बार ईको फ्रैंडली तथा ऑर्गेनिक रंगों की मांग अधिक है। यह ऐसे रंग हैं जो यदि मुंह या आंख में चले भी जाएं तो उनका कोई नुक्सान नहीं होता। ये आइटमें भी मेड इन इंडिया आ रही हंै। उन्होंने बताया कि होली का होलसेल बाजार तो गर्म है परंतु रिटेल में आइटमें मार्च के पहले सप्ताह बिकनी शुरू होंगी।


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