polythene इस्तेमाल करने वालों को इतना लगेगा fine

punjabkesari.in Monday, Nov 11, 2019 - 02:26 PM (IST)

जालंधर(वैब्ब डैस्क): पॉलीथिन पर पाबंदी लगाने के नगर निगम के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बाजारों में दुकानदार आज भी पॉलीथिन में ही सामान दे रहे हैं। निगम पिछले 3 साल से इस पर पाबंदी लगाने की कोशिश कर रहा है लेकिन एक बार भी इस मुहिम को लंबा नहीं चला सका। मुहिम के बार-बार बीच में ही रुकने से हालात अब ये हो गए कि लोग निगम की छापेमारी को भी गंभीरता से नहीं लेते। एक दिन छापेमारी करने के बाद निगम अफसर चुप हो जाते हैं और दुकानदार पोलिथिन का इस्तेमाल को जारी रखते हैं।

केंद्र सरकार ने 2 अक्तूबर से पॉलीथिन बैग पर सख्ती की और ऐलान किया था कि दीवाली तक देश को प्लास्टिक मुक्त करना है। इसलिए घर-घर से प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा करने का मिशन था। इस को दीवाली तक डिस्पोज ऑफ करना था, लेकिन अभी तक निगमों, कौंसिलों और पंचायतों को हुक्म नहीं मिला है यह कहां देना है। इसलिए इकट्ठा किया प्लास्टिक वेस्ट निगम के पास ही पड़ा है।

पोलिथिन इस्तेमाल करने पर जुर्माने का प्रबंध     

  आम जनता थोक विक्रेता  निर्माता
प्रथम बार 1000   25,000     50,000
दूसरी बार  2000  50,000 1 लाख

तीनों मामलों में तीसरी बार पकड़े जाने पर कोर्ट केस होगा।

क्या है नुक्सान
पॉलीथिन के इस्तेमाल से सांस और चमड़ी जैसे रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे लोगों में कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है। नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उपजाऊ शक्ति को खत्म कर रही है, यदि इसे जमीन में दबाकर रखा जाए तो भी ये गलेगी नहीं। प्लास्टिक के ज्यादा संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेटस की मात्रा बढ़ जाती है। पॉलीथिन सीवर जाम का सबसे बड़ा कारण है। 


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Edited By

Sunita sarangal

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