नगर निगम ने हजारों घरों को भेजे प्रॉपर्टी व वाटर टैक्स के नोटिस

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 08:32 AM (IST)

जालंधर(खुराना): इस समय जब लोगों के मन में जालंधर नगर निगम की साख ज्यादा अच्छी नहीं है और निगम भी लोगों को विभिन्न सुविधाएं देने में विफल साबित हो रहा है, ऐसे में निगम के कुछ विभागों ने अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से जो सख्ती करनी शुरू कर रखी है उसे लेकर लोगों में कई प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। निगम सूत्रों के मुताबिक प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने इन दिनों विभिन्न कालोनियों व मोहल्लों में जाकर प्रॉपर्टी टैक्स नोटिस सर्व करने का जो सिलसिला शुरू कर रखा है उसके तहत करीब 20 हजार घरों को प्रॉपर्टी टैक्स नोटिस भेजे जा चुके हैं। 

इसी प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने इन दिनों शहर के कमर्शियल संस्थाओं के प्रॉपर्टी टैक्स को चैक करने का भी सिलसिला शुरू कर रखा है, जिसके तहत भी हजारों नोटिस निकाले गए और सम्पत्तियों को सील कर टैक्स वसूले जाने का सिलसिला लगातार जारी है। प्रॉपर्टी टैक्स के साथ-साथ नगर निगम के वाटर टैक्स विभाग ने भी इन दिनों घरों को वाटर टैक्स मामले में नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू कर रखा है जिसके तहत 3 हजार से ज्यादा नोटिस भेजे जा चुके हैं और विभिन्न कालोनियों में जाकर वाटर कनैक्शनों की जांच का काम शुरू हो चुका है। 

ऐसे में निगम से नोटिस प्राप्त करने के बाद लोग धड़ाधड़ कांग्रेस नेताओं की शरण में जा रहे हैं। शहर के विधायकों व पार्षदों के पास रोजाना ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा पॉलीथीन तथा कूड़े की सैग्रीगेशन इत्यादि को लेकर भी निगम दुकानदारों के धड़ाधड़ चालान काट रहा है। कांग्रेस नेताओं को भी इन चालानों का मामला सुलझाना पड़ रहा है, क्योंकि कुछ महीने बाद ही शहर में चुनावों का शोर शुरू हो जाएगा।

आज भी सील हुईं 15 प्रॉपर्टीज
आज भी नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने मकसूदां के नंदनपुर रोड तथा फिश मार्कीट के सामने कार्रवाई कर प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों की 15 सम्पत्तियों को सील किया। 2 सम्पत्तियों के मालिकों ने निगम आकर पैसे जमा करवा दिए, जबकि 13 को सील रहने दिया गया। 

क्या कमेटियों से अफसरशाही पर कोई फर्क पड़ेगा?
मेयर जगदीश राजा ने 2 साल के बाद नगर निगम में विभिन्न विभागों के लिए एडहॉक कमेटियों का गठन तो कर दिया है, परंतु साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या इन कमेटियों से अफसरशाही पर कोई फर्क पड़ेगा? गौरतलब है कि इस समय जालंधर निगम में कई अधिकारी ऐसे हैं जो अपनी ढीली कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उन अधिकारियों से अगर मेयर व कमिश्नर ढंग से काम नहीं ले पा रहे तो कमेटियों के चेयरमैन या सदस्य उनसे क्या काम लेंगे? वैसे भी इस समय बिल्डिंग विभाग जबरदस्त राजनीतिक प्रैशर झेल रहा है व बी. एंड आर. पर आर्थिक संकट का जबरदस्त असर है। ओ. एंड एम. सैल पर एन.जी.टी. जैसे संस्थानों ने शिकंजा कस रखा है। सैनीटेशन विभाग किसी के काबू में नहीं आ रहा। ऐसे में एडहॉक कमेटियों की इन विभागों में कितनी चलेगी, यह देखने वाली बात होगी।


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Edited By

Sunita sarangal

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