नहीं बनी 2 साल में पॉलिसी : अवैध विज्ञापनों से प्राइवेट वसूली कर रहा नगर निगम स्टाफ

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 10:24 AM (IST)

जालंधर(खुराना): कांग्रेस सरकार को पंजाब में आए 3 साल होने को हैं और 2 साल से ज्यादा समय से कांग्रेस पार्टी जालंधर नगर निगम पर काबिज है परंतु अकाली-भाजपा सरकार दौरान भ्रष्टाचार का शोर मचाने वाली कांग्रेस पार्टी जालंधर नगर निगम से भ्रष्टाचार दूर नहीं कर पाई बल्कि कई विभागों में तो यह लगातार बढ़ता जा रहा है। 

पंजाब के लोकल बाडीज मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने करीब 2 साल पहले पूरे राज्य के लिए विज्ञापन पॉलिसी बनाई थी, जिसे जालंधर निगम ने भी अपने शहर में लागू किया था। इस पॉलिसी के तहत जालंधर निगम 6-7 बार टैंडर लगा चुका है परंतु आज तक कोई टैंडर सिरे नहीं चढ़ा जिस कारण विज्ञापनों से वसूली के मामले में जालंधर निगम का खजाना खाली है, वहीं नगर निगम स्टाफ अवैध विज्ञापनों से खूब प्राइवेट वसूली कर रहा है। तमाम निगमाधिकारियों और नगर निगम से जुड़े कांग्रेसी नेताओं को इस स्कैंडल की जानकारी है परंतु कोई भी इसे ब्रेक करने या रोकने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा।

हॉर्टीकल्चर और विज्ञापन शाखा कर रहे ड्रामेबाजी 
दरअसल शहर में विज्ञापन स्कैंडल को नगर निगम के हॉर्टीकल्चर विभाग तथा विज्ञापन शाखा की मिलीभगत से चलाया जा रहा है। दोनों विभागों के अधिकारी जबरदस्त ड्रामेबाजी करते हुए अवैध विज्ञापनों का मामला एक-दूसरे पर थोप रहे हैं। पुरानी सब्जी मंडी के सामने बने त्रिकोणे चौक में लगे मोबाइल कम्पनी के विज्ञापनों बारे जब विज्ञापन शाखा के अधिकारियों से पूछा जाता है तो उनका कहना है कि इसकी जिम्मेदारी हॉर्टीकल्चर विभाग की है जबकि हॉर्टीकल्चर विभाग के अधिकारी साफ कहते हैं कि इस त्रिकोणे चौक में लगे विज्ञापन अवैध हैं क्योंकि निगम ने इस चौक को मैंटेन करने का कांट्रैक्ट किसी कम्पनी से नहीं किया है। 

पुरानी सब्जी मंडी चौक में कैसे लगे हुए हैं अवैध विज्ञापन 
शहर में इस समय अवैध विज्ञापनों की संख्या हजारों में आंकी जा रही है और नगर निगम की सीमा के अंदर ही अनगिनत बैनर, पोस्टर तथा होर्डिंग्स सरेआम लगे हुए हैं। भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण होटल डॉल्फिन के निकट पुरानी सब्जी मंडी के सामने बने चौराहे का है जहां एक विज्ञापन कम्पनी ने अपने बड़े-बड़े विज्ञापन लगा रखे हैं परंतु उन विज्ञापनों को निगम से कोई मंजूरी प्राप्त नहीं है। आरोप लग रहे हैं कि इन्हीं विज्ञापनों से निगम स्टाफ लाखों रुपए की प्राइवेट वसूली कर चुका है इसीलिए महीनों से ये विज्ञापन बार-बार शिकायत के बावजूद उतारे नहीं गए।

पूर्व मेयर की नीति को कांग्रेस ने किया फेल, अवैध विज्ञापनों से भरा शहर  
पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने शहर को अवैध विज्ञापनों से बचाने के लिए कड़े फैसले लिए थे और शहर के सभी चौराहों पर राजनीतिक और धार्मिक होर्डिंग्स लगाने भी बैन कर दिए थे। उन द्वारा लगाया गया यह बैन पब्लिक द्वारा काफी सराहा गया और कई साल चला परंतु कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इसे फेल कर दिया, जिस कारण आज शहर अवैध विज्ञापनों से भरा हुआ है। पूर्व मेयर की पॉलिसी के अनुसार धार्मिक विज्ञापन लगाने के लिए कई स्थान तथा फीस निर्धारित की गई थी जिससे निगम को कमाई भी होनी शुरू हो गई थी परंतु कांग्रेस के आने के बाद हर चौक पर बोर्ड लगने लगे हैं और निगम को कमाई भी बंद हो गई है। 

इमीग्रेशन कम्पनियों वाले शहर को कर रहे गंदा
इन दिनों बच्चों को कनाडा व अन्य देशों में भेजने की बाढ़-सी आई हुई है जिस कारण जगह-जगह आईलैट्स ट्रेनिंग सैंटर तथा इमीग्रेशन कम्पनियों के दफ्तर खुले हुए हैं। सैंकड़ों की संख्या में बने इन संस्थानों के हजारों अवैध विज्ञापन शहर में लगे हुए हैं। जिन्हें कभी-कभार खानापूर्ति हेतु उतारा तो जाता है परंतु उतारने के तुरंत बाद इन विज्ञापनों को दोबारा उसी कम्पनी को सौंप दिया जाता है। शहर के हर फ्लाईओवर के बिजली के खम्भों पर भी अवैध विज्ञापन लगे देखे जा सकते हैं। यह भी आरोप है कि विज्ञापन शाखा से 10 बैनरों की पर्ची कटवाकर शहर में आराम से 100 बैनर लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा शहर में राजनीति चमकाने वाले होर्डिंग्स की भी भरमार है और ऐसे बोर्ड हर चौराहे पर देखे जा सकते हैं। 

विज्ञापन माफिया का है निगम में बोलबाला, कर्मचारी हुए मालामाल  
दरअसल शहर में काफी देर से विज्ञापन माफिया काम कर रहा है जिस कारण न केवल निगम खजाने को हर साल करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है बल्कि विज्ञापन पॉलिसी भी सिरे नहीं चढ़ रही तथा विज्ञापन माफिया के लोगों के साथ-साथ निगम स्टाफ के कई सदस्य भी खूब मालामाल हो रहे हैं। नगर निगम ने अदालती केस जीतने के बाद शहर में 11 साल यूनीपोल्स का ठेका चलाने वाली दुर्गा पब्लिसिटी कम्पनी का करार खत्म कर दिया था परंतु आज तक दुर्गा कम्पनी के दर्जनों यूनीपोल शहर में लगे हुए हैं। इन यूनीपोल्स को उतारने तथा उसका खर्चा संबंधित कम्पनी पर डालने के आदेश मेयर जगदीश राजा द्वारा कई बार निगमाधिकारियों को दिए जा चुके हैं परंतु इन आदेशों पर एक साल से कोई अमल नहीं हो रहा। दुर्गा कम्पनी द्वारा उतारे गए कई यूनीपोल शहर में फुटपाथों तथा अन्य स्थानों पर पड़े हुए हैं जबकि निगमाधिकारी चुपचाप बैठे हैं। 


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Edited By

Sunita sarangal

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