दीपावली की तारीखों को लेकर असमंजस में रहे लोग, दोनों दिन पूजा करके मनाई खुशियां

punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 04:17 PM (IST)

कपूरथला (महाजन): देशभर में इस बार दीपावली को लेकर तारीख को लेकर असमंजस का माहौल बना रहा। पंचांगों और ज्योतिषियों के अलग-अलग मतों के कारण लोगों में यह भ्रम बना रहा कि दीपावली 20 अक्तूबर को मनाई जाए या 21 अक्तूबर को। कई स्थानों पर जहां 20 अक्तूबर को ही लक्ष्मी पूजन कर दीपों का पर्व धूमधाम से मनाया गया, वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने 21 अक्तूबर को शुभ मुहूर्त में पूजन कर मां लक्ष्मी की आराधना की। दिलचस्प बात यह रही कि इस असमंजस के बावजूद दोनों ही दिनों बाजारों में दीपावली की रौनक छाई रही और लोगों ने खूब उत्साह के साथ खुशियां मनाईं।

शहरों से लेकर गांवों तक दीपों की जगमगाहट ने वातावरण को आलोकित कर दिया। लोगों ने अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगी लाइटों, झालरों और दीयों से सजाया। बच्चों ने पटाखे फोड़कर उत्सव का आनंद लिया, वहीं महिलाओं ने घर में तरह-तरह के पकवान बनाकर परिवारजनों का स्वागत किया। मिठाइयों की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रहीं। बाजारों में सजावट की वस्तुओं, उपहारों, सोने-चांदी के सिक्कों, कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की जमकर खरीदारी हुई। व्यापारियों ने बताया कि भले ही तारीख को लेकर असमंजस था, लेकिन बिक्री पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

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पंडितों के अनुसार, इस वर्ष अमावस्या तिथि दो दिनों में पड़ने के कारण भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कुछ कथित विद्वानों द्वारा अपने विचार पेश करने के कारण यह स्थिति ओर भी बढ़ गई। जबकि ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार 21 अक्तूबर को दीपावली पूजन प्रभावी मानी गई है। इसलिए इस भ्रम की स्थिति के कारण कई लोगों ने दोनों ही दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा-अर्चना की। कई परिवारों ने पहले दिन विधिवत पूजन करके दूसरे दिन गोवर्धन पूजा और भाई दूज की तैयारियां आरंभ कर दीं। धार्मिक स्थलों और मंदिरों में भी दीपावली के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। जगह-जगह भजन संध्याएं, आरती और प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। सामुदायिक स्तर पर भी लोगों ने दीपदान कार्यक्रम रखे, जिनमें सैकड़ों दीये जलाकर भगवान से सुख, समृद्धि और शांति की कामना की गई।

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दीपावली के अवसर पर लोगों ने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर त्योहार की वास्तविक भावना को जीवंत किया। कई सामाजिक संस्थाओं ने झुग्गी-झोपड़ियों में मिठाइयां, कपड़े और दीप बांटे। बच्चों को मिठाइयां और खिलौने वितरित किए गए। लोगों ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान कर डिजिटल दीपावली भी मनाई। बाजारों और सड़कों पर जहां एक ओर दीपों की रोशनी और लोगों की मुस्काने दिखीं, वहीं पुलिस और प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। अग्निशमन विभाग और नगर निगम की टीमें भी चौकस रहीं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।

अंतत इस बार की दीपावली केवल एक दिन नहीं बल्कि दो दिनों तक चलने वाला उल्लास का पर्व बन गई। तारीख को लेकर हुए असमंजस के बावजूद लोगों ने श्रद्धा और उत्साह से दीप जलाकर अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया। दीयों की यह रोशनी आने वाले साल में सबके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाए, इसी कामना के साथ दीपावली की खुशियां दो दिनों तक हर चेहरे पर मुसकुराहट बिखेरती रहीं।

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News Editor

Kalash