‘खूनी चौकों’ पर हो रहे रोज सड़क हादसे, न प्रशासन को ङ्क्षचता न पुलिस को परवाह

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 09:09 AM (IST)

फगवाड़ा(जलोटा): फगवाड़ा के होशियारपुर चौक स्थित अन्य कई चौकों जिन्हें फगवाड़ा के लोग ‘खूनी चौक’ के नाम से पुकारने को मजबूर हो चुके हैं को लेकर लोकल प्रशासन का रवैया जस का तस उपेक्षित बने रहने से उक्त चौकों पर रोजाना सैंकड़ों लोगों के सिरों पर मौत मंडरा रही है।  शायद बने हुए हालात की हकीकत न तो सरकारी तौर पर पुलिस को दिखाई पड़ रही है एवं न ही शीर्ष सरकारी तंत्र को। हालात की कड़वी सच्चाई यह है कि शहर के खूनी चौकों के नाम से पुकारे जाने लगे कई चौकों पर तो पूर्व में घटे सड़क हादसों में अनेक लोगों की मौत तक हो चुकी है। जबकि असंख्य लोग घायल हो चुके हैं।

यह आंकड़े निरंतर बढ़ते ही चले जा रहे हैं लेकिन जनता की इस समस्या का समाधान करने के प्रति सरकारी रवैया उदासीन व उपेक्षित ही बना हुआ है। चारों तरफ से खूनी चौक  को घेरे रहते ट्रैफिक के कारण यह खाहदशा सदैव बना रहता कि यहां पर भयानक हादसा किसी भी क्षण घटा। यह चौक वह चौक है जहां से रोजाना सैंकड़ों की संख्या में कालेज व स्कूली छात्राएं गुजरती हं। एक दिशा से पुल ढलाई पर है और इसके साथ शहर का घनी आबादी वाला निम्मांवाला चौक का इलाका लगता है।

यह वह क्षेत्र है जहां से रूटीन में मां भगवती के हजारों भक्तजन माता श्री चिंतपूर्णी शक्तिपीठ, श्री ज्वाला जी शक्तिपीठ, श्री कांगड़ा जी शक्तिपीठ सहित अन्य तीर्थ धामों की ओर फगवाड़ा-होशियारपुर रोड का प्रयोग कर जाते हैं लेकिन उक्त तमाम तथ्यों को भली-भांति जानते हुए भी सरकारी तौर पर यहां कि ट्रैफिक पुलिस ने यह जरूरी ही नहीं समझा है कि यहां पर दिन से लेकर रात तक बने रहते हालात के कारण ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी की पक्की तौर पर तैनाती की जाए, जिससे बेलगाम होते रहते यातायात को ठीक तरीके से संचालित किया जा सके। न ही यह पहल हो सकी है कि कम से कम इस इलाके में ट्रैफिक लाइट्स ही लगा दी जाएं, जिससे कुछ हद तक ट्रैफिक की समस्या का समाधान हो जाए। 

होशियारपुर रोड सहित शहर की सभी लिंक  सड़कों पर हुए हैं खुलेआम अवैध कब्जे
आज तक यह पहल भी नहीं हो पाई है कि उक्त सड़क के साथ लगती सर्विस सड़क जहां पर नगर निगम के लापरवाह रवैए के कारण सरकारी सड़क पर लोगों ने खुलेआम अवैध कब्जे कर रखे हैं, को कब्जा मुक्त करवाया जा सके और तो और यहां के लोकल प्रशासन जिसका काम आज तक केवल यही रहा है कि जब कोई समस्या हो बस कमरे में चंद सरकारी अफसरों को बुला सरकारी खानापूर्ति को पूरा कर औपचारिकता निभा एक बैठक कर ली जाए, ने मामले को लेकर एक बैठक तक नहीं की है। 

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि फगवाड़ा के उक्त चौक जहां रूटीन में भयानक सड़क हादसे घटते हैं व जारी खौफनाक घटनाक्रम को लेकर आज तक कई लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है पर बने हुए विकट हालात व बेकाबू होते ट्रैफिक का हाल देख यह लिखना गलत न होगा कि यहां पर कभी भी वह अनर्थ घट सकता है जिसकी कल्पना करने से इंसानी देह सिहर जाए।  

सरकारी रैस्ट हाऊस चौकों पर ट्रैफिक मैनेजमैंट भगवान भरोसे
शहर की पॉश कालोनियों गुरु हरगोबिन्द नगर, मॉडल टाऊन, न्यू मॉडल टाऊन आदि के लिए मुख्य चौराहे के तौर पर जाने जाते सरकारी रैस्ट हाऊस चौक पर तो आलम यह है कि यहां पर ट्रैफिक मैनेजमैंट भगवान भरोसे ही चल रही है। इस चौक से वाहन लेकर गुजरने का सीधा अर्थ दुर्घटना को दावत देने के तुल्य है। बेकाबू ट्रैफिक इस चौक की पहचान बन चुका है। उक्त चौकों में से सबसे अधिक संवेदनशील शहर का अति व्यस्त होशियारपुर रोड चौक बना हुआ है। प्रकरण को लेकर पंजाब केसरी निरंतर जनहित में उक्त मुद्दा समय-समय पर उठा अपनी जिम्मेदारी का पालन कर रहा है लेकिन लगता है कि शायद यहां के सरकारी अमले को उस भयानक क्षण की प्रतीक्षा है जब उक्त चौक पर बहुत बड़ी त्रासदी घटे क्योंकि मामले को लेकर सरकारी अमले की साधी गई चुप्पी आम जनता की समझ से बाहर है। 
 


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swetha

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