पंजाब पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं गैंगस्टर, विक्की गौंडर को पकड़ने में पूरे राज्य की पुलिस नाकाम

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2017 - 10:00 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (हरीश तनेजा): आज राज्य भर में गैंगस्टरों की संख्या सैंकड़ों में है व इन गैंगस्टरों ने पंजाब के माहौल को खराब किया हुआ है। पंजाब पुलिस भले जितनी मर्जी डींगें मारती रहे कि स्थिति पूरी तरह काबू में है व बहुत से गैंगस्टर गिरफ्तार कर लिए गए हैं और जेलों में बंद हैं परंतु अगर देखा जाए तो स्थिति इस समय यह है कि गैंगस्टर पंजाब पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। वह अपनी मनमर्जी से वारदात करके आसानी से फरार हो जाते हैं व पुलिस पीछे खाली जगहों पर हूटर मारकर गाड़ी भगाती फिरती है। मालवा क्षेत्र के जिला श्री मुक्तसर साहिब के एक गांव से संबंधित विक्की गौंडर को पंजाब के 22 जिलों की पुलिस ढूंढ रही है परंतु परिणाम अभी तक जीरो है।

गैंगस्टर पैदा कहां से हुए
सबसे बड़ा व विशेष मामला यह है कि गैंगस्टर पैदा कहां से हुए हैं व किसकी देन हैं। अगर समय की सरकारें पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों को सरकारी नौकरियां देती या रोजगार देकर किसी काम-धंधे में लगाती तो शायद राज्य में गैंगस्टरों की संख्या इतनी अधिक न बढ़ती। गैंगस्टर बेरोजगारी में पैदा हुए हैं। पंजाब में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की 70 लाख के करीब संख्या है। अभिभावकों द्वारा पढ़ाई पर लाखों रुपए खर्च करवाकर जब नौकरी नहीं मिलती तो बेरोजगार नौजवान गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। खर्चे पूरे नहीं होते व पैसा कमाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।

बहुत से गैंगस्टर हैं उच्च विद्या प्राप्त
पंजाब पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तार करके जेलों में भेजे गए या पुलिस मुकाबलों में मारे जा चुके गैंगस्टरों को अगर पीछे मुड़कर देखें तो पता लगता है कि उनमें से बड़ी संख्या उन नौजवानों की है, जो उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। इनमें से कई इंजीनियर हैं व कई डिप्लोमा होल्डर भी हैं।

अभी भी जरूरत है मौका संभालने की
गलत रास्ते पर पड़ चुकी नौजवान पीढ़ी को सही रास्ते पर लाने के लिए अभी भी मौका संभालने की जरूरत है, ताकि दिन-रात अपनी जान हथेली पर रख कर घर से भागते-फिरते इन नौजवानों को अच्छे नागरिक बनाया जा सके। क्या पंजाब सरकार कोई पहल करेगी। दुख तो इन गैंगस्टरों के अभिभावकों को भी है, क्योंकि कई मां-बाप के इकलौते पुत्र थे।

पंजाब की तबाह हो रही नौजवान पीढ़ी को बचाने के लिए जहां सरकार व सियासी पार्टियों के नुमाइंदों को आगे आने की जरूरत है, वहीं बुद्धिजीवी वर्ग व जागरूक लोगों को कुछ करना चाहिए, ताकि यह मारपीट रुक सके व राज्य खुशहाली की ओर आगे बढ़े।


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