कोरोना का असर: जेल में बंद भाईयों की कलाई पर नहीं बांध पाई बहनें अपने हाथों से राखी
punjabkesari.in Monday, Aug 23, 2021 - 06:16 PM (IST)

लुधियाना,(स्याल): सदियों से परंपरा रही है जेल में कैदी व हवालाती भाईयों को राखी बांधने के लिए उनकी बहनें जेल में आती हैं। मगर कोविड-19 के चलते रक्षाबंधन पर बहनें अपने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाई। क्योंकि ताजपुर रोड की सैंट्रल व ब्रोस्टल जेल प्रशासन द्वारा कोविड-19 के चलते तीसरी लहर को मददेनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया था। ताकि जेल में पूरी तरह एहतियात बरती जाए। बता दें कि गत वर्ष की भांति इस बार भी सैंट्रल जेल में रक्षाबंधन नहीं मनाया गया और न ही किसी से कोई मुलाकात करवाई गई। हालांकि अभी संक्रमण काफी कम है, लेकिन संभावित तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है और खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन को चंडीगढ़ से मिले निर्देशों के तहत सख्ती करने के आदेश थे जिस पर बहनों को राखी बांधने की अनुमति नहीं दी गई।
जेल में 3400 कैदी व हवालाती है बंद
जेल में कैदी व हवालातियों की गिनती लगभग 3400 तक की है जो विभिन्न मामलों के चलते अलग-अलग बैरकों में बंद है। ऐसे में जेल विभाग को डर है कि अगर एक भी बंदी संक्रमण की चपेट में आ गया तो संक्रणम काफी तेजी से फैलेगा। इसलिए जेल विभाग पर्व को सामूहिक रूप से नहीं मनाने का निर्णय लिया है।
जेल में बंद भाईयों के लिए बहने लाती थी मिठाईयां
जेल में सजा काट रहे बंदियों के साथ विभिन्न राज्यों और शहरों के बंदी शामिल है। ऐसे में रक्षाबंधन पर बहनें व परिवार के अन्य सदस्य अपने भाईयों के लिए मिठाईयां व अन्य खाने पीने की सामग्री लाते थे और बंदियों को अपने हाथों से खिलाते थे, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए जेल विभाग ने पिछले दो साल से इस पर कड़ी रोक लगा रखी है।
बंदियों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है: डिप्टी सुपरिटैंडैंट
सैंट्रल जेल के डिप्टी सुपरिटैंडैंट सतनाम सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी जेल में बहनों के राखी बांधने पर रोक है। जेल प्रशासन द्वारा सेहत विभाग की गाईडलाइन का पालन करवाया गया है जिस कारण बंदियों को कोरोना से बचाना भी जरूरी है।
80 बहनों ने चिट्ठियों द्वारा बंदी भाईयों तक पहंचाई राखी
जेल में बंदी भाईयों को राखी देने आई बहनों को जेल प्रशासन द्वारा कोविड़ गाईडलाईन के चलते सोशल डिस्टैसिंग के लिए गोले बनाकर महिलाओं को कतार में खड़ा किया गया। जिसके उपरांत पुलिस कर्मचारी महिलाओं को बहनों ने लिफाफों में से केवल राखी निकाल कर राखी दी जिस पर पुलिस कर्मचारी महिलाओं ने राखी को सैनिटाइज करने के बाद छोटे लिफाफों में पैक करने के बाद बंदी का नाम, पिता का नाम व बैरक नम्बर लगाकर भेज दिए। सैंट्रल जेल में 65 एवं ब्रोस्टल जेल में 15 के लगभग बहनें अपने बंदी भाईयों के लिए राखी लेकर आई। हालांकि जेल प्रशासन द्वारा जेल के बाहर सिक्योरिटी कमरे में कांऊटर लगाया गया है जहां पर बहनें जेल में बंद अपने भाइयों के लिए लिफाफे में राखी के इलावा टीका और चावल नहीं दे सकी।
कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर खन्ना से पहुंची बहन हुई मायूस
खन्ना निवासी से एक बंदी की बहन अपने भाई को राखी बांधने के लिए कोविड टैस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर पहुंची हुई थी लेकिन उस महिला को पुलिस कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि सरकार के आदेशों के अनुसार फिजिकल मुलाकात पर पूर्ण तौर पर पाबंदी है। जिसके चलते उक्त महिला ने मायूस होकर आंखों में आंसू भर लिए।