रेलवे पुलिस कर्मचारी की बेटी का स्टडी वीजा लगाने के नाम पर ठगे 3.85 लाख

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 03:04 PM (IST)

खन्ना(सुनील): एक रेलवे पुलिस कर्मचारी की बेटी का स्टडी वीजा लगाने के नाम पर 3 लाख 85 हजार 530 रुपए की ठगी मारने का मामला सामने आया है। यह मामला खन्ना पुलिस दरबार पहुंच गया है। जहां एस.पी.(एच) बलविंद्र सिंह भीखी ने मामले की जांच आॢथक अपराध शाखा को सौंप दी है। रेलवे पुलिस के कर्मचारी भूपिंद्र कुमार पुत्र रामजी दास निवासी मकान नंबर 1443 नई आबादी खन्ना ने बताया कि उन्होंने अपनी लड़की साक्षी को आस्ट्रेलिया स्टडी वीजा पर भेजने के लिए एक वीजा कंपनी से संपर्क किया था, जिस पर कंपनी संचालक ने कहा था कि वह उसकी लड़की को आस्ट्रेलिया भेज देंगे। इसके लिए पहले उन्होंने कुल 17 लाख रुपए समेत कालेज और अम्बैसी फीस की मांग की गई थी।

 कथित आरोपी ने यह भरोसा दिया था कि जितना भी खर्च आएगा, उसमें से रियायत कर दी जाएगी। भरोसा देने के बाद उसकी तरफ से लड़की को विदेश भेजने के लिए अगस्त 2018 में उनकी तरफ से मांगे गए सभी कागजात दे दिए गए थे। इसके बाद कंपनी की तरफ से उसकी लड़की का ऑफर लैटर 3 बार आस्ट्रेलिया से मंगाया गया, जिस पर मई 2019 में आए ऑफर लैटर पर लड़की का दाखिला कराने के लिए कंपनी संचालक ने कहा कि बैंक खाते अंदर कम से कम 26 लाख रुपए दिखाने पड़ेंगे तो लड़की विदेश जा सकेगी। पैस इतने न होने की सूरत में चड्ढा ने कहा कि वह बैंक मैनेजर और दूसरे अधिकारियों को अढ़ाई लाख रुपए रिश्वत देकर पैसे खाते में दिखा देगा। 

इस पर अक्तूबर 2018 में उसने (भूपिंद्र कुमार) अपने भाई कमलजीत के पास से यह रकम नकद लेकर कंपनी संचालक को इंस्टीच्यूट जाकर नकद ही दिए। इसके बाद आरोपी ने कहा कि खाता पटियाला में एक बैंक की ब्रांच  में खोलाना पड़ेगा। चड्ढा ने मोबाइल नंबर देकर पटियाला में इन व्यक्तियों को मिलने को कहा जो बैंक अधिकारी बताए गए। 1 सितम्बर 2018 को वह अपनी पत्नी और लड़की समेत पटियाला गया तो वहां उक्त नंबर पर फोन करने के बाद गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब के पास से एक व्यक्ति कार में उनको बैंक ले गया। वहां खाता खुलाने की बात कहते हुए 42 हजार रुपए नकद लेकर कोरे कागजातों पर साइन कराए गए।

बैक में उसकी लड़की साक्षी का खाता और पत्नी प्रवीण कुमारी का खाता खुलने की बात कही गई परंतु इन दोनों व्यक्तियों ने उनको कोई पास बुक, चैक बुक या कोई और कागज नहीं दिया। आरोपी और इन व्यक्तियों ने कहा कि थोड़े दिनों में इन खातों अंदर 26 लाख रुपए आ जाएंगे, जो लड़की के विदेश जाने के बाद वापस देने पड़ेंगे। इन खातों में कोई पैसा नहीं आया। जब आरोपी को पूछा गया तो उसने कहा कि पैसे खातों में आ गए हैं, आप कालेज की बनती फीस 10 लाख 87 हजार 979 जमा करा दो। इस पर उसने (भूपिन्दर कुमार) 22 मार्च 2019 को 9 लाख 98 हजार रुपए जमा करा दिए। 

इसके अलावा 25 मार्च 2019 को 70 हजार रुपए और दिए। इसकी भी कोई रसीद उन्हें नहीं दी गई। जब उन्होंने वीजे के बारे में बात की तो कंपनी संचालक ने 31 हजार रुपए और अम्बैसी फीस जमा कराने के लिए कहा, जो उसकी तरफ से 28 मार्च 2019 को नकद दी गई। 17 अप्रैल 2019 को कंपनी संचालक ने उसे फोन पर कहा कि साक्षी का वीजा रिफ्यूज हो गया है। परंतु घबराने वाली कोई बात नहीं है। फंडों की कमी करके ऐसा हो गया है। वीजा दोबारा लगवाने  के लिए 5 लाख रुपए और देने पड़ेंगे। जब उसकी तरफ से कारण पूछा गया तो आरोपी आनाकानी करने लगा। उन्होंने जब अब तक दी कुल रकम 13 लाख 91 हजार रुपए से संबंधित कागजात और रिकार्ड देखने के लिए कहा तो कंपनी संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। 

उसकी तरफ से कानूनी कार्रवाई की बात कहने पर 13 मई को उसके खाते में 20 हजार रुपए और 20 मई 2019 को खाते में 9 लाख 85 हजार 470 रुपए भेज दिए गए। इस तरह करके उसके खाते में कुल रकम 10 लाख 5 हजार 470 रुपए भेजी गई। बाकी रकम बारे कंपनी संचालक ने कहा कि एक हफ्ते अंदर यह भी वापस आ जाएगी परंतु अब तक कोई पैसा नहीं आया। बल्कि कंपनी संचालक धमकियां देने लगा कि जो आपने करना है कर लो। न तो और कोई पैसा वापस दिया जाएगा और न ही कोई कागजात दिया जाएगा। इस पूरे मामले में कंपनी संचालक और उसके साथ मिले 2 कथित बैंक अधिकारियों ने उसके साथ 3 लाख 85 हजार 530 रुपए की ठगी मारने के साथ-साथ उनका समय और लड़की का भविष्य भी खराब किया है। पीड़ित ने मांग की है कि उक्त आरोपियों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि वे भविष्य में किसी और को अपना शिकार न बना सकें।

Vaneet