सरकारी आंकड़ों से खुलासा:  सेहत मंत्री के शहर में डेंगू के 180 केस

punjabkesari.in Friday, Sep 14, 2018 - 10:05 AM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र, परमीत) : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और सेहत मंत्री ब्रह्म महिंद्रा  के शहर पटियाला में डेंगू ने दस्तक दे दी है। पिछले एक सप्ताह से लगातार शहर में डेंगू के बड़ी संख्या में केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 180 केस इस साल डेंगू के रिपोर्ट किए जा चुके हैं। सबसे अहम बात यह है कि पिछले कई सालों से डेंगू का बड़े स्तर पर प्रकोप होने के बावजूद भी नगर निगम की तरफ से इस बार अभी तक फॉगिंग शुरू नहीं की गई। हैरान करने वाली बात तो यह है कि अभी तक निगम की तरफ से फॉङ्क्षगग को लेकर कोई तैयारी तक नहीं की गई। हालांकि पिछले समय दौरान निगम और सेहत विभाग की टीमों की तरफ से डेंगू के लारवे की चैकिंग बड़े स्तर पर की गई परंतु जहां तक तैयारियों का सवाल है, वहां तक नगर निगम आज भी डेंगू के फैलने का इंतजार कर रहा है।

अब तक काटे गए 256 चालान
सेहत विभाग और नगर निगम की तरफ से अधिकृत तौर पर डेंगू के लारवा की चैकिंग को लेकर एक मुहिम चलाई गई, जिसमें अब तक 256 चालान किए जा चुके हैं। सेहत विभाग के रिकार्ड के अनुसार कई पॉश एरिया में भी डेंगू का लारवा देखने को मिला। सबसे हैरान करने वाली बात है कि थापर डीम्ड यूनिवॢसटी के कैंपस में से भी डेंगू का लारवा पाया गया और विभाग की तरफ से वहां 16 चालान काटे गए थे। इसी तरह करतार कालोनी, अबलोवाल, सिकलीगर बस्ती, आदर्श नगर, प्रेम नगर के अलावा कई सरकारी विभागों के कूलरों में भी डेंगू का लारवा पाया गया है। हालांकि विभाग की तरफ से बार-बार इस संबंधी जागरूकता मुहिम भी चलाई गई परंतु उसे लेकर लोग कोई ’यादा सचेत होते नजर नहीं आए। 

शहर के लोग नहीं हैं डेंगू को लेकर सचेत : डा. गुरमीत
जिला एपीडिमोलोजिस्ट डा. गुरमीत सिंह ने कहा कि सबसे हैरान करने वाली बात है कि बड़ी जागरूकता मुहिम के बावजूद भी शहर के लोग डेंगू को लेकर कोई ’यादा सचेत नहीं हैं। पॉश एरिया तथा स्लम बस्तियों में चैकिंग की जा रही है तथा ’यादातर स्थानों पर डेंगू का लारवा देखने को मिल रहा है जोकि खतरनाक संकेत कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकारी विभाग यह लड़ाई नहीं जीत सकते बल्कि इसमें लोगों को बड़े स्तर पर सहयोग करना पड़ेगा क्योंकि डेंगू का लारवा एक बार पैदा होने के बाद बहुत तेजी के साथ फैलता है और जो हालात शहर में अलग-अलग स्थानों पर देखने को मिले, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में डेंगू के केस और भी बढ़ेंगे। 

नगर निगम कुंभकर्णी नींद सोया
डेंगू को लेकर नगर निगम की तरफ से अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई। अभी तक न तो कोई फॉङ्क्षगग को लेकर शैड्यूल जारी किया गया है और न ही इसको लेकर कोई मीटिंग हुई है। पिछले साल भी नगर निगम ने नवम्बर महीने में जाकर फॉङ्क्षगग शुरू की थी जबकि नवम्बर के अंत में डेंगू का असर कम  होना शुरू हो जाता है। पिछले साल बड़ी संख्या में पटियाला में डेंगू के मरीज देखने को मिले थे। न जिला प्रशासन की तरफ से और न ही नगर निगम की तरफ से डेंगू की रोकथाम के लिए किसी तरह का कोई प्रयास अब तक किया गया है। 

डेंगू से बचने के लिए क्या करें
जिला एपीडिमोलोजिस्ट डा. गुरमीत सिंह के अनुसार घरों की छतों पर पक्षियों के लिए रखे गए बर्तनों, कूलरों को 3 दिन बाद साफ किया जाए, जहां कहीं भी पानी खड़ा नजर आए, उसे या खाली किया जाए या फिर उस जगह को मिट्टी आदि के साथ भरा जाए। डेंगू होने की सूरत में घर में पैरासिटामोल की गोलियां रखनी चाहिएं क्योंकि बुखार ठीक होने को कम से कम पांच दिन लगते हैं, इसमें पांचों दिन रैस्ट करना बहुत जरूरी है। डेंगू के बुखार दौरान ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने चाहिएं, जिसमें लस्सी, सूप, दाल, दही, ओ.आर.एस. का घोल, जूस आदि लिया जा सकता है। डेंगू के बुखार का टैस्ट और दवाएं सभी अस्पतालों में मुफ्त हैं। डेंगू के बुखार दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। 


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