पार्षद बनाएंगे शहर के विकास की रूपरेखा
punjabkesari.in Saturday, Mar 10, 2018 - 01:50 PM (IST)

पटियाला: आमतौर पर सरकारी नीतियां ऊपर से बन कर आती हैं, जिस करके लोगों को उनका लाभ नहीं मिलता, क्योंकि किस इलाके को किस चीज की जरूरत है, उसकी जमीनी हकीकत वहां के स्थानीय लोगों को ही होती है। इस बात को समझते हुए शाही शहर पटियाला के नगर निगम ने नए चुने पार्षदों ने विकास की रूपरेखा तैयार करने की योजना बनाई है। मेयर संजीव शर्मा बिट्टू और कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने समूह पार्षदों को विकास के साथ जोडऩे के लिए एक माह की मेहनत के बाद एक बुकलैट तैयार की है, जिसमें पूरे वार्ड की जानकारी और अन्य विवरण पार्षदों की तरफ से भर कर दिए जाएंगे।
यह बुकलैट नगर निगम की तरफ से समूह पार्षदों को पहुंचा दी है, जिसके बाद पार्षदों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। आमतौर पर नगर निगम के इंजीनियरों या अन्य विभागों की तरफ से योजना बनाकर लागू कर दी जाती है परन्तु इस बार हर योजना पार्षदों द्वारा बनेगी। शाही शहर में पहले 50 वार्ड होते थे, जब कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद इन वार्डों की संख्या 60 हो गई है। लिहाजा शहर के यह 60 कौंसलर अब अपने इलाकों की पूरी जानकारी और इलाकों की मांगें इस बुकलैट द्वारा नगर निगम के पास पहुंचाएंगे, जिस के बाद नगर निगम इन बुकलेटों का अध्ययन करके वार्ड वाइज विकास की योजना तैयार करेगा। ताकि लोगों की इच्छा और डिमांड अनुसार निगम की तरफ से संबंधित वार्ड में विकास कार्य किए जा सकें।यह बुकलैट समूह पार्षद खुद भर कर कमिश्नर नगर निगम के पास जमा करवाएंगे। बुकलैट में वार्ड की हर तरह की जानकारी भरने के लिए कहा गया है। करीब 39 पेजों की इस बुकलैट में पार्षद को कहा गया है कि सबसे पहले पार्षद अपना पूरा जीवन ब्यौरा, मेल आई.डी., मोबाइल व घर का पक्का पता इसमें भरें।
महिला पार्षदों ने शुरू किया काम
पटियाला के 60 पार्षदों में से 31 महिलाएं हैं। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं चुन कर आई हैं। महिलाएं क्योंकि वार्ड में ही रहती हैं, जिस करके उनको अपने इलाकों की ज्यादा जानकारी होती है। इसके चलते महिला पार्षदों ने यह बुकलैट भरनी शुरू कर दी है। वार्ड नं.-19 की कांग्रेसी पार्षद अनीता कुमारी शर्मा ने कहा कि नगर निगम का यह सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि चुनाव दौरान उन्होंने कई-कई बार अपने वार्ड के हर गली-मोहल्ले का दौरा किया और इलाके के लोग भी अपनी समस्याओं लेकर उनके पास आते रहते हैं, इस करके स्थानीय समस्याओं की जानकारी पार्षदों के पास ज्यादा होती है। वार्ड नं.-27 की पार्षद कमलेश कुमारी मल्होत्रा ने कहा कि वह 2002 से पार्षद बनती आ रही हैं। पहली बार इस तरह का फैसला हुआ है जिसका शहर को बड़ा फायदा होगा।
पार्षद अपने इलाकों में क्या करवाना चाहते हैं
1. इलाके की बनने वाली गलियों-सड़कों की जानकारी।
2. वार्ड में कितनी और स्ट्रीट लाइटों की जरूरत है
3. क्या इलाके में कोई ओर पार्क बन सकता है
4. इलाके में कहां-कहां कूड़ेदान हैं।
5. ट्रैफिक समस्या कैसे हल हो सकती है।