अध्यापकों की कमी वाले स्कूल में अब प्रिंसीपल अतिरिक्त पावर यूज कर भेज सकेंगे अध्यापक

punjabkesari.in Sunday, Sep 15, 2019 - 10:23 AM (IST)

पटियाला(प्रतिभा): सरकारी स्कूलों में किसी विषय का अध्यापक न होने से अगर विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब हो रही है तो इसके लिए अब कलस्टर हैड संबंधित स्कूल से अध्यापक को भेज सकेंगे। यानि अब 8 से 10 स्कूलों का एक कलस्टर बनेगा और एक सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसीपल को उस कलस्टर का हैड बनाया जाएगा। वहीं प्रिंसीपल इंचार्ज को अतिरिक्त पावर्स भी दी जाएगी ताकि वे जरूरत के मुताबिक मौके पर फैसला लेकर अध्यापकों की कमी की समस्या को दूर कर सकें। हालांकि इस नियम में अध्यापक को परमानैंट नहीं भेजा जाएगा। बल्कि सैशन के अंत तक ही अध्यापक भेजे जाएंगे। जब तक स्कूल में खाली पड़ी अध्यापक की पोस्ट के लिए नई नियुक्ति नहीं होती, तब तक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अध्यापक को भेजा जाएगा। 

जिला शिक्षा अधिकारियों और प्रिंसीपलों के साथ की मीटिंग

इस समस्या को देखते हुए सैकेंडरी स्कूल एजुकेशन अथॉरिटी ने जिला शिक्षा अधिकारियों और पिं्रसीपलों के साथ मीटिंग की। उस दौरान एक कलस्टर बनाने का फैसला हुआ और इस कलस्टर का एक इंचार्ज किसी भी स्कूल के एक प्रिंसीपल को बनाना तय हुआ। साथ ही कलस्टर इंचार्ज को अतिरिक्त पावर्स देने का भी फैसला हुआ है, जिससे कि प्रिंसीपल इंचार्ज अपने कलस्टर के दायरे में यह देखेगा कि किस स्कूल में सरप्लस अध्यापक हैं और जहां अध्यापकों की कमी है, वहां अध्यापक भेजे जाएं।

गांवों की पंचायतों ने सरकार के पास रखी थी समस्या 
गौरतलब है कि अलग-अलग गांवों की पंचायतों ने सरकार के पास जाकर उनके गांवों में पड़ते स्कूलों में खाली पड़ी अध्यापकों की पोस्टों को लेकर शिकायत की थी। साथ ही इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग भी उठाई। पंचायतों ने कहा कि किसी भी कारण की वजह से स्कूल में अलग-अलग विषय के अध्यापकों की पोस्टें खाली पड़ी हैं। इस वजह से विद्यार्थियों का काफी नुक्सान हो रहा है। जब तक अध्यापकों की परमानैंट नियुक्ति नहीं होती, तब तक बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक भेजे जाएं। पंचायतों की इस अपील पर सरकार ने कुछ स्कूलों का एक कलस्टर बनाने की योजना पर फैसला लिया है। 

मीटिंगों के बाद हुई गाइडलाइंस जारी
सिर्फ सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसीपल को ही कलस्टर इंचार्ज बनाया जा सकेगा। कलस्टर के तहत कौन-कौन से स्कूल लिस्ट में शामिल होंगे, इसका फैसला डी.पी.आई. (एस.ई.) करेंगे। डी.पी.आई. को जिला शिक्षा अधिकारी रैफरैंस देंगे। कलस्टर इंचार्ज प्रिंसीपल सिर्फ अपने कलस्टर में अध्यापकों की एडजस्टमैंट करने का हकदार होगा। इसके लिए वे डी.पी.आई. दफ्तर में नोडल अफसर को सीधे एक औपचारिक प्रस्ताव भेजेंगे। इस प्रस्ताव को डी.पी.आई. मंजूर करेंगे और इसकी एक कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी के कंसर्न के साथ वापस कलस्टर इंचार्ज को भेजेंगे। अगर कलस्टर इंचार्ज अध्यापकों की कमी पूरी करने में फिर भी सक्षम नहीं होते तो संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी किसी भी स्कूल से सरप्लस अध्यापकों की लिस्ट बनाकर अध्यापकों की कमी वाले स्कूल में भेजेंगे। इसके लिए वे डी.पी.आई. दफ्तर में नोडल अफसर को प्रस्ताव भेजकर अप्रूवल लेंगे। ये सभी प्रबंध सैशन के अंत तक टैम्परेरी होंगे, जब तक कि रैशनेलाइजेशन के जरिए या फिर भर्ती से अध्यापकों की कमी पूरी नहीं की जाती।


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swetha

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