दुबई से शव लाने का खर्च सवा लाख, जिंदा पर खर्च होते हैं सिर्फ 25 हजार

punjabkesari.in Wednesday, Jul 15, 2020 - 05:33 PM (IST)

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के कारण बहुत से पंजाबी विदेशों में फंसे हुए हैं, जहां काम ना मिलने के कारण वह दो वक्त की रोटी तक को भी तरस रहे हैं। सरबत का भला ट्रस्ट ने दुबई से 174 पंजाबियों की वतन वापसी करवाई है।

कोरोना संकट के कारण दुबई में कई कंपनियां हुई बंद 

जानकारी देते ट्रस्ट के प्रमुख डा. एस.पी. सिंह ओबराए ने बताया कि कोरोना संकट के कारण दुबई में कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं और कंपनी मालिक फरार हो चुके हैं जिस कारण लोगों को वेतन नहीं मिला और वह सड़कों पर आ गए हैं। वह दो वक्त की रोटी तक को तरस रहे हैं। उन्होंने बताया कि वहां बहुत से पीड़ित लोगों ने हमारे साथ संपर्क किया और कहा कि हमारे पास ना तो कुछ खाने को है और ना ही टिकट के पैसे हैं, जिसके बाद हमने 4 जहाजों का इंतजाम किया। इनमें से पहला जहाज 7 जुलाई को 171 लोगों को लेकर चंडीगढ़ पहुंचा। दूसरा जहाज आज 174 लोगों को लेकर अमृतसर पहुंचा है। तीसरा जहाज 19 जुलाई को चंडीगढ़ पहुंचेगा और इसके बाद चौथा जहाज 25 तारीख को अमृतसर पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि फ्लाइटें तो सरकार की तरफ से भी शुरू की गई परन्तु कोई भी फ्लाइट बिना टिकट के पैसों से नहीं है इसलिए हमारी तरफ से इन जहाजों का इंतजाम किया गया है। 

कर्ज में डूबे नौजवान कर रहे खुदकुशी  

इसके साथ ही डा. ओबराए ने बताया कि विदेश में से अब तक उनकी तरफ से 178 युवाओं के पार्थिव शव घर पहुंचा चुके हैं। पार्थिव शव को घर भेजने में सवा लाख की राशि खर्च होती है। वहीं जिंदा व्यक्ति खाड़ी देशों से वतन लाने पर 25 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि विदेश में जिनकी कोरोना महामारी के कारण मौत हो गई है उनका अंतिम संस्कार वहीं कर दिया गया है। वहां अब तक 14 के करीब पंजाबी जिनकी उम्र 19 साल की थी वह खुदकुशी कर चुके हैं, जिनमें से कुछ के पार्थिव शव भारत पहुंच चुके हैं और कुछ अगले हफ्ते यहां पहुंच जाएंगे। इसको देखते हुए हमने मुहिम आरंभ की कि क्यों ना लाशों की जगह जिंदा को बचाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह अगले महीने 4 जहाज और पंजाब भेजेंगे क्योंकि हम नहीं चाहते कि यह बच्चे विदेशों में मजबूरी में आकर कोई गलत काम करें। 


 


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Vaneet

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