उफान पर नदी नाले...पांच नदियों वाले दोनों "पंजाब" को अब पानी संभालना मुश्किल
punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2023 - 02:34 PM (IST)

जालंधर ( नरेन्द्र मोहन ): पंजाब में बरसाती पानी से आ रहे बाढ़ के खतरे को रोकने के लिए पंजाब से सवा दो लाख क्यूसिक से अधिक पानी पाकिस्तान को छोड़ा जा रहा है। 50 हज़ार क्यूसिक पानी सतलुज से और 1.85 लाख क्यूसिक पानी रावी से पाकिस्तान की और छोड़ा गया है। ऐसा नदियों के प्राकृतिक बहाव के चलते पाकिस्तान के निचले क्षेत्रों में पानी जा रहा है। इसी दौरान पंजाब की नहरों में पानी की सप्लाई काफी कम कर दी गई है। बरसाती पानी में बड़ी मात्रा में सिल्ट और बूटी आ रही है, ऐसे में अगर बरसाती पानी नहरों में छोड़ा गया तो नहरे मिटटी से भर जाएगी और उनके टूटने का खतरा भी बढ़ जाएगा। दूसरी और पाकिस्तान की तरफ से भी सुलेमान के हेड को बंद किए जाने की आशंका से फाजिल्का में अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल के अनेक स्थानों में हो रही मूसलाधार बरसात का पानी ब्यास , सतलुज और रावी में आ रहा है। पंजाब में भी अनेक स्थानों पर घंटोबद्धि बरसात का सिलसिला जारी है। नदियों में जल स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है .हालाँकि अभी पंजाब के बड़े हिस्से मालवा में अभी बरसात खुल कर नहीं बरसी, फिर भी पानी के निचले हिस्सों में आने के चलते मालवा क्षेत्र में भी प्रशासन ने और लोगों ने बचाव की तैयारी करनी शुरू कर दी है। सिंचाई विभाग के सूत्रों मुताबिक ,मूसलेधार बरसात से नदियों के बढे जल स्तर से जानी–माली नुकसान को रोकने के लिए बरसाती पानी पाकिस्तान को छोड़ा जा रहा है। रावी नदी से 1. 85 लाख क्यूसिक पानी रावी से पाकिस्तान की और छोड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में छोड़ा बरसाती पानी लाहौर तक करीब 40 हज़ार क्यूसिक तक ही पहुंचेगा। रावी नदी से ही तीन लाख क्यूसिक पानी पंजाब की नहरों में छोड़ा गया है। रावी नदी में अतिरिक्त पानी को स्टोरेज करने की व्वयस्था नहीं है , जिसके चलते मजबूरीवश बरसाती पानी पंजाब में भी और पाकिस्तान में भी छोड़ना पड़ रहा है, जिसके चलते भारत वाले पंजाब के सीमांत जिलों अमृतसर , गुरदासपुर , पठानकोट क्षेत्र के लोगों में सहम बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 15 किमी पश्चिम में नारोवाल में आपातकाल लागू कर दिया गया है, क्योंकि पाकिस्तानी अधिकारियों को रावी नदी में उच्च जल प्रवाह की आशंका है।
हरिके हेड से सतलुज नदी के मार्फ़त 50 हज़ार क्यूसिक पानी पाकिस्तान छोड़ा जा रहा है, चूंकि हरिके बैराज पर पानी की स्टोरेज क्षमता बढ़िया है , इसलिए पंजाब में नहरों को टूटने और सिल्ट से बचाने के लिए नहरों में बरसाती जल की आपूर्ति बेहद कम कर दी गई है। पंजाब को दूसरा खतरा फाजिल्का क्षेत्र की तरफ से बना हुआ है . हरिके बैराज का कण्ट्रोल भारत के पास है तो वही फाजिल्का के सीमान्त क्षेत्र में सतलुज के सुलेमान की गेट का कंट्रोल पाकिस्तान के पास है। पाकिस्तान में भी बरसातें चल रही है। ऐसे में पहले की तरह पाकिस्तान गेट बंद करने की शरारत कर सकता है। जिला फाजिल्का की डिप्टी कमिश्नर डा सेनु दुग्गल का कहना था कि फाजिल्का के सीमा करीब के गांवों के लोगों के बार बार अपील की जा रही है कि वें अपने मवेशी और अन्य कीमती सामान लेकर सतलुज नदी के ऊंचे , सुरक्षित स्थान की तरफ आ जाएं, अनेक सीमान्त गाँवों के बाढ़ राहत केंद्र भी बनाए गए है। इधर पोंग डैम में भी पानी का स्तर बढ़ रहा है। मात्र 3 दिनों में पोंग डैम में 15 फुट पानी बढ़ा है और लेवल 1352 तक पहुँच गया है , जबकि खतरे का निशान 1390 फुट पर है . लेकिन जिस प्रकार पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा है , उससे सरकार की चिंता बढ़ रही है .