15 अगस्त आते ही पंजाब के इन 2 जिलों का छलका दर्द, बंटवारे में आए थे पाकिस्तान के हिस्से
punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 06:27 PM (IST)
पठानकोट/गुरदासपुर (हरजिंदर सिंह गोराया): अंग्रेजों की गुलामी के बाद जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ा तो भारत 2 हिस्सों में बंट गया, फिर पाकिस्तान भारत से बाहर हो गया और इस बंटवारे के बाद भारत के लोगों ने आजादी की गर्माहट मिलने के बाद राहत की सांस ली। लेकिन भारत के 2 सीमावर्ती जिले गुरदासपुर और पठानकोट, भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में आए थे। जिसके बाद पठानकोट के मूल निवासी मेहर चंद ने एक बड़ा प्रयास किया और 2 दिनों के बाद गुरदासपुर और पठानकोट को भारत के साथ जोड़ा गया।
इस संबंध में जुटाई गई जानकारी के लिए जब सीमांत क्षेत्र के कुछ लोगों से बातचीत की गई तो बमियाल कस्बे के निवासी रतन चंद ने बताया कि वह उस समय छोटे थे, लेकिन आज भी उन्हें उस समय की सारी बातें याद हैं। कैसे लोग एक दूसरे के दुश्मन बन गए। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय गुरदासपुर और पठानकोट जिला एक ही थे और वे उस समय पाकिस्तान में चले गए थे। उस समय पठानकोट के रहने वाले जस्टिस मेहर चंद ने एक प्रयास किया और दौनों जिलों को वापस भारत का हिस्सा बनाया था। इस संबंधी जानकारी उन्हें रेडियो पर घोषणा से पता चली।
वहीं जब जस्टिस मेहर चंद के पोते राजीव कृष्ण महाजन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें उस परिवार का हिस्सा होने पर गर्व है जो हमें पाकिस्तान से वापस लाया और भारत का हिस्सा बनाया। उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय गुरदासपुर और पठानकोट जिले पाकिस्तान में चले गए।
लेकिन मेरे दादा जस्टिस मेहर चंद ने प्रयास किया और 2 दिन बाद दोनों जिलों को भारत का हिस्सा बना दिया। जिसकी सूचना रेडियो के माध्यम से लोगों को दी गई। देखा जाए तो हमारा भारत 15 अगस्त को आजाद हुआ, लेकिन इन सीमावर्ती जिलों को आजादी की गर्माहट 17 अगस्त को मिली।
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