राशन डिपो पर मिलने वाली 2 रुपए किलो गेहूं शहरवासियों को पड़ रही महंगी, जानें कैसे

punjabkesari.in Sunday, Dec 11, 2022 - 04:12 PM (IST)

लुधियाना (खुराना) : महानगर में अधिकतर आटा चक्की मालिकों द्वारा शहरवासियों के खून-पसीने की कमाई को दोनों हाथों से लूटने का गोरखधंधा खुलेआम चलाया जा रहा है जिसमें आटा चक्की मालिक पंजाब सरकार द्वारा गरीब परिवारों को दी जाने वाली 2 रुपए प्रति किलो वाली गेहूं के साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुहैया करवाई जाने वाली फ्री गेहूं का आटा पीस कर शहर वासियों को 30 से 35 रुपए प्रति किलो में बेचकर मोटी काली कमाई करने का नैटवर्क चला रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक योजना से जुड़े राशन कार्ड धारकों को सरकार द्वारा आर्थिक मदद के रूप में मुहैया करवाई जाने वाली गेहूं अधिकतर परिवारों द्वारा आगे इलाके के ही चक्की मालिकों को औने-पौने दामों में बेच दी जाती है। हालांकि उक्त मामले को लेकर अधिकतर डिपो मालिकों का दावा है कि राशन कार्ड धारक परिवार सरकार से मिलने वाली गेहूं को चक्की पर रख समय-समय पर उनसे आटा लेते रहते हैं। लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि चक्की मालिक उक्त परिवारों द्वारा बिक्री की गई या फिर चक्की पर रखी गई सरकारी गेहूं का कोई हिसाब-किताब नहीं रखते और उक्त सरकारी गेहूं ही शहरवासियों को बेच कर मनचाही कीमत वसूलते हैं जो कि असल में शहरवासियों की आंखों में धूल झोंकने और धोखाधड़ी करने का मामला है।

सर्व सांझी वेल्फेयर सोसाइटी के पप्पी नागपाल एवं भगवान परशुराम सेवा सोसायटी के यश धवन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसे चक्की मालिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राशन डिपो पर लाभ पात्र परिवारों को मिलने वाली गेहूं 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से जहां प्रति क्विंटल 200 रुपए की पड़ती है वहीं एफ.सी.आई. द्वारा खुले बाजार में बिक्री की जाने वाली गेहूं की कीमत 2750 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। अब ऐसे में सवाल पैदा होता है कि चक्की मालिकों द्वारा 200 रुपए क्विंटल वाली गेहूं का आटा पीस कर साढ़े 300 रुपए प्रति 10 किलो की थैली बिक्री की जा रही है। पप्पी नागपाल एवं यश धवन ने कहा कि आखिर 2 रुपए प्रति किलो वाली और 2750 रुपए प्रति क्विंटल वाली गेहूं की क्वालिटी में कुछ तो फर्क होगा। लेकिन जहां अधिकतर आटा चक्की मालिक आम जनता से खुलेआम धोखाधड़ी कर रहे हैं और सरकार एवं जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं जबकि इस मामले में सरकार को ऐसे डिपो मालिकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर चक्की के लाइसैंस तुरंत प्रभाव से रद्द करने चाहिएं।

क्या कहते हैं एसोसिएशन के प्रधान

 लुधियाना चक्की होल्डर एसोसिएशन के प्रधान विजय सूद के साथ जब उक्त मुद्दे को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अगर कोई चक्की होल्डर 2 रुपए किलो वाली गेहूं का आटा पीस 350 रुपए प्रति 10 किलो की थैली शहर वासियों को खिला रहा है तो इसके बदले में जब राशन कार्ड धारक चक्की से अपनी जमा करवाई गई गेहूं का आटा लेने आता है तो चक्की होल्डर उसके बदले में कार्ड धारक को महंगी गेहूं का आटा भी तो खिला रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है और उनके द्वारा अपनी एसोसिएशन से संबंधित सभी चक्की होल्डरों को चेतावनी दी गई है कि 2 रुपए किलो वाली सरकारी गेहूं खरीदने वाले किसी भी चक्की होल्डर का एसोसिएशन द्वारा साथ नहीं दिया जाएगा।

क्या कहती हैं खाद्य सप्लाई कंट्रोलर

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की कंट्रोलर शिफाली चोपड़ा ने उक्त मामले संबंधी बातचीत करते हुए कहा कि आटा चक्की उनके विभाग के अंतर्गत नहीं पड़ती हैं लेकिन फिर भी अगर कोई शिकायत सामने आती है तो आरोपी पाए जाने वालों के खिलाफ बनती विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिफाली ने कहा कि मामले संबंधी विभाग के आला अधिकारियों के साथ बातचीत की जाएगी और आला अधिकारियों के आदेशों पर चक्की मालिकों के साथ अभियान छेड़ा जाएगा। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निवर्तमान कंट्रोलर सुखविंदर सिंह गिल द्वारा चक्की मालिकों के साथ कई बार विभागीय कार्यालय में विशेष बैठकें की गई हैं जबकि शिफाली चोपड़ा के मुताबिक आटा चक्की उनके विभाग के अंतर्गत नहीं पड़ती हैं जो कि चिंताजनक विषय है।

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News Editor

Urmila

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