जहरीली शराब कांड को लेकर दर्ज FIR में फास्ट ट्रैक कार्रवाई के लिए 2 SIT गठित

punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2020 - 10:39 AM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) दिनकर गुप्ता ने आज जहरीली शराब कांड को लेकर दर्ज सभी एफ.आई.आर. में फास्ट ट्रैक जांच के लिए 2 विशेष जांच टीमों (एस.आई.टी.) का गठन किया जिसमें निगरानी की जिम्मेदारी ए.डी.जी.पी. (कानून-व्यवस्था) ईश्वर सिंह को सौंपी गई है। पंजाब पुलिस ने इस कांड को लेकर कुल 5 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं जिसमें से 3 तरनतारन तथा एक-एक अमृतसर देहाती व बटाला में दर्ज हुई हैं।

डी.जी.पी. ने कहा कि इन गंभीर अपराधों में सजा को यकीनी बनाने के लिए पहली बार एस.पी. स्तर के अधिकारियों को मनोनीत किया गया है जोकि जांच अधिकारी (आई.ओ.) होंगे। डी.जी.पी. ने जांच अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह गहराई से मामले की जांच करें तथा पंजाब के अंदर व बाहर अभियुक्तों के सम्पर्कों का पता लगाकर पर्दाफाश करें। जांच अधिकारियों को अंतिम रिपोर्ट के लिए भी उत्तरदायी बनाया गया है तथा अदालतों में उन्हें तेजी से चालान भी पेश करने होंगे। डी.आई.जी. फिरोजपुर रेंज हरदयाल सिंह मान को एस.आई.टी. का प्रमुख बनाया गया जोकि तरनतारन में दर्ज एफ.आई.आर. के केसों में जांच के कार्यों की निगरानी करेंगे। आई.जी. बार्डर रेंज अमृतसर सुरिन्द्र पाल सिंह परमार को अमृतसर तथा बटाला में दर्ज एफ.आई.आर. की जांच कार्य पर निगरानी की जिम्मेदारी एस.आई.टी. में सौंपी गई है। 

तरनतारन एस.आई.टी. में अन्य सदस्यों के रूप में एस.एस.पी. तरनतारन, ध्रुमन निमले, एस.पी. (इंवैस्टीगेशन) तरनतारन जगजीत सिंह वालिया को भी शामिल किया गया है। एस.एस.पी. अमृतसर ग्रामीण ध्रुव दहिया, गौरव तूरा, एस.पी. इन्वैस्टीगेशन अमृतसर ग्रामीण को एफ.आई.आर. नंबर 109 दिनांक 30 जुलाई पुलिस थाना तरसिक्का के लिए जबकि एस.एस.पी. बटाला रशपाल सिंह, तेजवीर सिंह, एस.पी. इन्वैस्टीगेशन बटाला को एफ.आई.आर. नंबर 201 दिनांक 31 जुलाई पुलिस थाना बटाला के लिए दूसरी एस.आई.टी. में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। एस.आई.टी. के चेयरमैन को पंजाब पुलिस के किसी भी अधिकारी, विंग या इकाई की मदद लेने के लिए छूट दी गई है। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से जहरीली शराब त्रासदी की सी.बी.आई. जांच की मांग
पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अध्यक्षता में भाजपा कोर ग्रुप की वर्चुअल बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जे. कृष्णा रेड्डी विशेष रूप से उपस्थित हुए। शर्मा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की नाकामियों के चलते माझा क्षेत्र में जहरीली शराब से 112 लोगों की मौत और कांग्रेस सरकार द्वारा दुर्दशा पर जानकारी दी। प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को जहरीली शराब के मुद्दे पर मांग पत्र भी सौंपा। अश्वनी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बताया कि लॉकडाऊन दौरान पंजाब में अवैध शराब की बेतहाशा बिक्री होती रही और कांग्रेसी नेताओं ने माफिया के साथ मिलकर हजारों करोड़ कमाए और राजस्व विभाग को 5600 करोड़ का घाटा सहन करना पड़ा। कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र आंखें बंद कर सोते रहे, क्योंकि माफिया को संरक्षण प्राप्त है।

जब मुद्दे को जनता के साथ मिलकर सरकार के कानों तक पहुंचाया तो आनन-फानन में कैप्टन ने एस.आई.टी. गठित कर जांच करवाई, लेकिन कांग्रेसी नेताओं के नाम उजागर होने लगे तो जांच ठंडे बस्ते में डाल दी। अब तरनतारन, अमृतसर और बटाला में तस्करों ने कांग्रेसी नेताओं व पुलिस की नाक के नीचे जहरीली शराब बेच 112 लोगों की जान ले ली। इस बार भी कै. अमरेंद्र ने साख बचाने के लिए पुलिस अधिकारियों की बलि चढ़ाते हुए सस्पैंड कर दिया।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो ने कै. अमरेंद्र को कांग्रेस सरकार की नाकामियों का आइना दिखाते हुए त्रासदी के लिए उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आवाज दबाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। अश्वनी शर्मा के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जे. कृष्णा रेड्डी से मांग की कि इस कांड की सी.बी.आई. जांच करवाएं ताकि ऐसी और अप्रिय घटना को रोका जा सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vaneet

Recommended News

Related News