टुरना व शेरगिल सहित 23 अकाली पंचायतें कांग्रेस में शामिल

punjabkesari.in Tuesday, May 08, 2018 - 09:51 AM (IST)

चंडीगढ़ (भुल्लर): शाहकोट विधानसभा हलके के उपचुनाव के शुरू में ही अकाली दल को उस समय बड़ा झटका लगा जब एन.आर.आई. सभा के पूर्व अध्यक्ष जसवीर सिंह शेरगिल व अकाली दल के सचिव रविंद्र सिंह टुरना सहित हलके की 23 अकाली पंचायतों द्वारा कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की गई।

यह घोषणा सोमवार को यहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की मौजूदगी में की गई। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री राजिंद्र कौर भट्ठल, पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा भी मौजूद थे। शेरगिल व टुरना ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करते हुए कहा कि वे अकाली दल से निराश होकर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। टुरना ने बताया कि 23 अकाली पंचायतों को शाहकोट हलके में प्रैस कॉन्फ्रैंस करके मीडिया के रू-ब-रू किया जाएगा।

कैप्टन व मैं बहन-भाई : भट्ठल
जब इस मौके पर मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री राजिंद्र कौर भट्ठल से पूछा गया कि आप लंबे समय के बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ दिख रही हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं और अमरेंद्र तो बहन-भाई हैं। उनके साथ मैं ‘लैफ्ट व राइट हैंड’ बनकर पिछले समय में खड़ी रही हूं।

कैप्टन के रहमो-करम पर होगी बीबी भट्ठल की कोठी

पूर्व मुख्यमंत्री के आवास को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व अखिलेश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की ओर से रद्द करने से पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्ठल की परेशानियां बढ़ गई है। रजिंदर कौर बिना किसी सरकारी मंजूरी के सरकारी कोठी पर अपना कब्जा करके बैठी है। इसके साथ ही वह सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी आवास देने के लिए कानून बनाने को लेकर भी दबाब बना रही थीं। सरकार यह कानून बनाने के लिए तैयार भी हो गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पंजाब सरकार ने भी अपने पांव पीछे करने शुरू कर दिए है। भट्ठल की कोठी अब पूरी तरह से कैप्टन के रहमो करम पर होगी, क्योंकि सरकार न तो कोई कानून बना सकती है और न ही उन्हें कोठी में रहने की इजाजत दे सकती है।


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Anjna

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