भीगी पलकों से अपनों के अवशेष लाएंगे परिजन

punjabkesari.in Monday, Apr 02, 2018 - 11:03 AM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): जून 2014 में ईराक के शहर मौसूल में आई.एस.आई.एस. आतंकियों के हाथों हत्या के शिकार हुए 39 भारतीयों में से होशियारपुर जिले के कमलजीत सिंह व गुरदीप सिंह के परिजन भीगी पलकों व भारी मन के साथ सोमवार सुबह 7.30 बजे उनके शवों के अवशेष लेने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे। इस संबंधी दोनों  युवकों के परिजनों को रविवार को जानकारी दे दी गई। 


उल्लेखनीय है कि ईराक के बदुश शहर से 39 भारतीयों के शवों के अवशेष लेकर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह 11.30 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। क्लीयरैंस के बाद दोपहर 2 बजे के करीब जिला प्रशासन की देखरेख में अपनों के शवों के अवशेष लेकर वे होशियारपुर के लिए रवाना होंगे। वहीं सोमवार 4 बजे के करीब जिला प्रशासन की निगरानी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

12वीं तक पढ़ी विधवा हरविन्द्र कौर को मिले सरकारी नौकरी

छावनीकलां में परिजनों ने रुंधे गले से कहा कि कमलजीत की पत्नी हरविन्द्र 12वीं तक पढ़ी है। हम लोग गरीब परिवार से हैं। कमलजीत अपने पीछे पत्नी व 2 मासूम बच्चों को छोड़ गया है। सरकार हरविन्द्र को सरकारी नौकरी दे वहीं परिवार की आर्थिक मदद भी करे।  

परिजनों के माथे पर चिन्ता की लकीरें 
होशियारपुर के गांव छावनीकलां में मृत कमलजीत सिंह की पत्नी हरविन्द्र कौर, मां संतोष कुमारी, पिता प्रेम सिंह, भाई परमिन्द्र सिंह, बेटा मनप्रीत सिंह व बेटी सिमरजीत कौर और माहिलपुर के साथ लगते गांव जैतपुर में मृत गुरदीप सिंह की मां सुरेन्द्र कौर, पत्नी अनीता व दोनों मासूम बच्चों अर्शदीप सिंह व अंकिता के माथे पर चिन्ता की लकीरें हैं तो मन में भारी उथल-पुथल। क्या होगा और कैसे होगा? ये चंद सवाल उनके मस्तिष्क में घूम रहे हैं। रोते हुए परिजनों ने बताया कि पहले जब वे विदेश से लौटकर आते थे तो उनके स्वागत और बरसों बाद देखने व मिलने का चाव मन में लिए उन्हें लेने जाते थे लेकिन कौन जानता था कि आजका यह मनहूस दिन भी देखना पड़ेगा जब उन्हें इस हाल में लाना पड़ेगा। मन में चाव की जगह टीस है और आंखों में गम के वे आंसू हैं जो शायद अब जिन्दगी भर सूख नहीं पाएंगे।

अब तो सरकार के रहमोकरम पर ही टिकी है जिन्दगी
माहिलपुर के जैतपुर गांव में मृत गुरदीप सिंह की विधवा अनीता ने बताया कि अब तो उसकी उम्मीद सरकार पर ही टिकी हुई है। उसके ससुर का एक छोटा सा घर है, जिसमें उनका परिवार व उसके दोनों देवरों के परिवार व सास-ससुर रहते हैं। रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर घर के हालात सुधारने के लिए पति गुरदीप सिंह अपना वतन छोड़ ईराक गया लेकिन अब तो वह दुनिया ही छोड़ गया। परिवार के उज्ज्वल भविष्य की आस लेकर निकला गुरदीप अपने पीछे कर्ज, गरीबी व लाचारी छोड़ गया है। ऐसे में अब तो सरकार के रहमोकरम पर ही टिकी हुई है मेरी जिन्दगी। 

पुलिस सुरक्षा प्रबंधों के बीच शवों के अवशेषों को लाया जाएगा : डी.सी.
जब इस संबंध में डी.सी. विपुल उज्ज्वल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सोमवार को बंद की काल को देख इराक में मृत जिले के दोनों ही युवकों कमलजीत सिंह व गुरदीप सिंह के परिजनों को सरकारी वाहनों में कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच अमृतसर भेजने का प्रबंध किया गया है। उनके साथ पी.सी.एस. अधिकारी अमित सरीन व पुलिस के अन्य अधिकारी भी जाएंगे ताकि रास्ते में उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।
 


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