पक्षियों से बेमिसाल प्रेम : तोता-तोती की मौत पर गुरुद्वारे में पाठ और 300 लोगों का लंगर
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 08:45 PM (IST)
गुरदासपुर (हरमन) : आज के दौर में, जहां इंसानी रिश्तों में भी दरारें साफ दिखाई देती हैं, ऐसे समय में गुरदासपुर के प्रेम नगर इलाके में रहने वाले एक परिवार ने मानवता, करुणा और संवेदनशीलता की अनोखी मिसाल पेश की है। इस परिवार के लिए घर में पाले गए तोता-तोती केवल पक्षी नहीं थे, बल्कि समय के साथ वे परिवार का अभिन्न हिस्सा बन चुके थे।
परिवार के सदस्य बबली और अशोक कुमार ने बताया कि करीब सात साल पहले वे तोते का एक जोड़ा अपने घर लेकर आए थे, जिनका नाम “मून” और “पीहू” रखा गया। उस समय परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था—मिट्टी का घर, रोज़ी-रोटी की कमी और कई जगह फंसे हुए पैसे। लेकिन तोता-तोती के घर आने के बाद हालात धीरे-धीरे बदलने लगे। रुका हुआ धन वापस मिला, एक चल रहा मामला भी उनके पक्ष में निपट गया और परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आया। इसी कारण परिवार ने इन पक्षियों को अपने लिए सौभाग्यशाली मान लिया और उन्हें एक दैवीय आत्मा समझकर विशेष स्नेह और सेवा दी।
14 नवंबर 2025 को तोता मून की अचानक मौत हो गई, जिससे पूरा परिवार गहरे शोक में डूब गया। उसकी मौत के बाद परिवार ने वे सभी धार्मिक रीति-रिवाज निभाए, जो आमतौर पर किसी इंसान की मृत्यु के बाद किए जाते हैं। इसके करीब एक महीने बाद, 19 दिसंबर 2025 को तोती पीहू की भी मौत हो गई, जिससे परिवार का दुख और बढ़ गया।
तोती की मौत के बाद परिवार की ओर से गुरुद्वारा साहिब में आत्मिक शांति के लिए पाठ करवाया गया और दसवें दिन लगभग 300 लोगों के लिए लंगर (भोजन) का प्रबंध किया गया। इस अवसर पर सभी रिश्तेदारों और परिचितों को भोग समागम में आमंत्रित किया गया। दोनों पक्षियों को घर में ही पूरे सम्मान के साथ दफनाया गया। यह अनोखी घटना इस बात की गवाही देती है कि पशु-पक्षी केवल जीव नहीं होते, बल्कि प्रेम और सेवा से वे भी परिवार के सदस्य बन सकते हैं। गुरदासपुर का यह परिवार आज मानवता और करुणा की एक जीवंत मिसाल बनकर सामने आया है।


