Jalandhar उप चुनाव में AAP ने लहराया परचम, जानें जीत के 5 बड़े कारण

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2024 - 06:58 PM (IST)

जालंधर: जालंधर वैस्ट उप चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने भारी मतों से  जीत हासिल की है। इस जीत का जश्न जालंधर से लेकर चंडीगढ़ तक मनाया जा रहा है। 'आप' के मोहिंदर भगत ने 37325 मतों से जीत हासिल की है जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा के शीतल अंगुराल 17921 रहे और  कांग्रेस की सुरिंदर कौर 16757 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही।

लोकसभा चुनाव में पंजाब में सिर्फ 3 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव में जोरदार वापसी की है। जालंधर पश्चिम उपचुनाव में 'आप' के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने जीत हासिल की। मोहिंदर भगत 2023 में बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वह आम आदमी पार्टी की शीतल अंगुराल से हार गए थे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंगुराल 'आप' छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके इस्तीफे के बाद जालंधर पश्चिम में उपचुनाव हुए। बीजेपी ने केवल अंगुराल को मैदान में उतारा, जबकि 'आप' ने भगत को चुना। शनिवार को आए नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के हौंसले बुलंद हो गए हैं।

सीएम मान ने बदला समीकरण

जालंधर वेस्ट में सीएम भगवंत मान का सियासी और वोट गणित पूरी तरह सफल रहा। मान का पूरा ध्यान भगत समुदाय के 30 हजार वोटों पर था, इसलिए समुदाय के नेता मोहिंदर भगत को टिकट दिया गया। वाल्मीक समाज के पास 20 हजार वोट थे, जिसके लिए सी.एम. मान ने न सिर्फ कई नेताओं को पार्टी में शामिल किया बल्कि वाल्मिकी संत समाज को भी 'आप' में लाया और प्रचार किया।

ये हैं AAP की जीत की बड़ी वजहें

1. सीएम मान पूरी ताकत से प्रचार करना और जालंधर में घर लेना।
2. भगत भाईचारे के उम्मीदवार को टिकट देना।
3. सीएम की पत्नी गुरप्रीत कौर द्वारा कमान संभालना।
4. सीएम मान का भगत को मंत्री बनाने का ऐलान।
5. 'आप' संगठन का जमीनी स्तर पर कार्य करना

बीजेपी की हार के कारण

1. दिल्ली से कोई केंद्रीय मंत्री प्रचार के लिए नहीं आया।
2. पार्टी संगठन के कई नेता किनारा कर 'आप' में शामिल हो गए।
3. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की अंदरूनी कलह।
4. सीएम मान की टक्कर में मंच पर बोलने वाला कोई नेता नहीं।
5. पूर्व विधायक शीतल अंगुराल से लोगों की नाराजगी।

कांग्रेस की हार के कारण

1. कांग्रेस प्रत्याशी सुरिंदर कौर को कमजोर माना जा रहा।
2. पश्चिमी क्षेत्र जहां सीनियर डिप्टी मेयर रहते हैं, वहां विकास न करना।
3. कांग्रेस में एकता का अभाव, बिखरा हुआ संगठन।
4. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चुनाव से किनारा।
5. कांग्रेस नेताओं का दूसरी पार्टियों में शामिल होना।
 


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News Editor

Kamini

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