Jalandhar में बड़ा बदलाव, शाम 4 से 7 बजे तक लग गई कर्मचारियों की Duty...
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 01:27 PM (IST)

जालंधर (खुराना): आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी तथा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा बीते दिनों जालंधर शहर के विभिन्न क्षेत्रों का अचानक दौरा कर सफाई व्यवस्था पर कड़ा एतराज जताते हुए नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद अब नगर निगम प्रशासन हरकत में आ गया है। इस संबंध में निगम कमिश्नर गौतम जैन ने सेनिटेशन विभाग पर शिकंजा कसते हुए कड़े आदेश जारी किए हैं। उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि अब शहर में सफाई का कार्य दो शिफ्टों में किया जाएगा। कमिश्नर के निर्देशों के बाद अब निगम के तमाम सफाई सेवक सुबह 6 से लेकर 11 बजे तक और फिर शाम 4 से लेकर 7 बजे तक काम करेंगे।
गौरतलब है कि वर्तमान में जालंधर नगर निगम के लगभग 1500 सफाई सेवक केवल सुबह की शिफ्ट में ही कुछ घंटे काम करते हैं। विशेष बात यह है कि वर्षों पहले जालंधर शहर में सफाई व्यवस्था दो शिफ्टों में चलती थी, और बाद दोपहर भी सफाई सेवक काम करते हुए दिखते थे। हालांकि निगम के अंदर यूनियन की प्रभावशाली मौजूदगी और हर काम में उनका दखल देखते हुए इस बात को लेकर संदेह जताया जा रहा है कि सफाई सेवक शाम की शिफ्ट में काम करेंगे या नहीं। फिलहाल, निगम कमिश्नर ने दोनों शिफ्टों में सफाई सेवकों की हाजिरी लगाने की जिम्मेदारी सेनेटरी सुपरवाइजरों को सौंप दी है। ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। इसका अर्थ है कि शुक्रवार, 4 जुलाई से नगर निगम के सफाई सेवक शहर की गलियों, सड़कों और बाजारों में सुबह और शाम दोनों समय झाड़ू लगाते व सफाई करते हुए दिखाई देंगे।
अब निगम की कूड़ा ढोने वाली हर गाड़ी तिरपाल से ढक कर जाएगी
पिछले लंबे समय से नगर निगम की कूड़ा ढोने वाली गाड़ियां बिना डाले के सड़कों पर चल रही थीं, जिससे उनका आधा कूड़ा रास्ते में ही गिरता चला जाता था। इस वजह से नगर निगम को सोशल मीडिया पर भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसे गंभीरता से लेते हुए नगर निगम कमिश्नर गौतम जैन ने आज सख्त आदेश जारी किए हैं कि 10 जुलाई के बाद निगम की सभी गाड़ियां कूड़े को तिरपाल से ढककर ही ले जाएंगी। यदि किसी वाहन ने ऐसा नहीं किया, तो उसे कंडे पर तौला नहीं जाएगा और उसे अगले दिन के लिए तेल नहीं मिलेगा। अब देखना यह होगा कि निगम कमिश्नर के इन सख्त आदेशों पर अमल कितना होता है और सफाई व्यवस्था में कितना वास्तविक सुधार आता है।