कनाडा के बाद अब पन्नू को ब्रिटेन का झटका

punjabkesari.in Friday, Jul 31, 2020 - 08:51 AM (IST)

जालंधर (विशेष): खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा पंजाब को देश से अलग करने के लिए चलाई जा रही मुहिम में अब ब्रिटेन ने भी पन्नू को झटका दे दिया है।  कनाडा द्वारा इस रैफरैंडम को मान्यता न दिए जाने के एक हफ्ते के भीतर अब यू.के. ने भी साफ किया है कि ब्रिटेन की सरकार इस तरह के किसी रैफरैंडम में शामिल नहीं है। कुछ दिन पहले कनाडा की सरकार और विदेश मंत्रालय ने साफ किया था कि वह सिख फॉर जस्टिस के रैफरैंडम को मान्यता नहीं देती। कनाडा ने कहा था कि कनाडा भारत की स्वायत्तता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है लिहाजा कनाडा की सरकार किसी रैफरैंडम को मान्यता नहीं देगी। कनाडा की सरकार के लिए भारत के साथ उसके द्विपक्षीय रिश्ते ज्यादा अहमियत रखते हैं। अब ब्रिटेन के इस कदम को भी पन्नू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

यू.के. के रुख में आया परिवर्तन
भारत का विदेश मंत्रालय लगातार यू.के. के विदेश मंत्रालय के समक्ष रैफरैंडम के मुद्दे को उठाता रहा है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने 2018 में सिख फार जस्टिस द्वारा रैफरैंडम को लेकर लंदन में होने वाले कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी। भारत सरकार का तर्क था कि भारत में अलगाववाद की भावना भड़काने वाले तत्व इस काम के लिए यू.के. की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं लिहाजा 12 अगस्त, 2018 को होने वाला सिख फार जस्टिस का कार्यक्रम रोका जाए लेकिन उस वक्त यू.के. ने यह कह कर भारत की बात को अनसुना कर दिया था कि वह किसी भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन को नहीं रोक सकता और लोग शांतिपूर्वक तरीके से अपनी आवाज उठा सकते हैं लेकिन इसके बाद 2019 में भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार दोबारा सत्ता में आने के बाद भारत सरकार ने इस मामले को ज्यादा मजबूती के साथ यू.के. सरकार के समक्ष उठाया। इस बीच यू.के. में भी सत्ता परिवर्तन हुआ है और बोरिस जॉन्सन जुलाई में यू.के. में सत्ता में आए हैं और वहां की मौजूदा सरकार ने भारत की चिंता को गंभीरता से लिया है। 


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