Alert! यदि आपके परिजन को हैं ये जानलेवा बीमारी तो तुरंत करवाएं Treatment, बचाएं मरीज की जान
punjabkesari.in Monday, Jun 12, 2023 - 09:07 AM (IST)

जालंधर: ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी बिमारी है, जोकि आजकल काफी संख्यां में इस बिमारी के मरीज सामने आ रहे है। जोकि चिंता का विषय है, ज्यादातर लोग पैरलिसिस और ब्रेन स्ट्रोक को अलग-अलग समस्या मानते है, लेकिन दोनों चीजे एक दूसरे से जु़ड़ी हुई है। अगर किसी को ब्रेन स्ट्रोक होता है तो निश्चित रुप से पैरालिसिस के लक्षण सामने आएगें। ब्रेन स्ट्रोक एक जानलेवा बिमारी है, सदियों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। कुछ केसों में तो शौचालय में नहाते समय ब्रेन स्ट्रोक कि बिमारी लोगों को होती है। बढ़ती आयु में लोगों की दिमाग की कोशिकाए कमजोर हो जाती है। इसी बीच ब्लड प्रैशर अचाक बढ़ता है तो धमनियों में खून का थक्का जम जाता है। इसे ही ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है, कई केसों में तो दिमाग में रक्त संचार बहुत तेज होने से दिमाग की नस तक फट जाती है, इसे ब्रेन हेमरेज कहा जाता है। स्ट्रोक के अधिकतर मामले क्लाटिंग के होते है, इसके इलावा मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज, हाई.बी.पी कोलेस्ट्राल की अधिकता आदि को भी भी इसकी वजहों में से एक माना जाता है। ऐसे मरीजों को विषेश रुप से सावधानी रखनी चाहिए।
यह है लक्ष्ण तो तुरंत पास के अस्पताल पहुंचे
पैरालिसिस ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य लक्ष्ण है, ब्रेन स्ट्रोक के 2 हिस्से होते है। ब्रेन के दाए हिस्से से शरीर का दाया भाग कट्रोल होता है और ब्रेन के बाए हिस्से से शरीर का दाया भाग कट्रोल होता है। यदि ब्रेन के दाए हिस्से में स्ट्रोक होता तो शरीर के बाए हिस्से में पैरालिसिस पडेगा और बाए हिस्से में स्ट्रोक होने पर शरीर के दाए हिस्से में पैरालिसिसि का अयर दिखेगा, ऐसे में मुंह, हाथ-पैर टेढ़ा होना, आवाज लड़खड़ाना और आंखों में समस्या आदि लक्षण दिखाई देते है। स्ट्रोक को एमरजेंसी की स्थिति माना जाता है, इसलिए कभी भी इसको लेकर लापरवाही न बरतें, आपकों अगर किसी भी शख्य में पैरालिसिस के लक्ष्ण जैसे शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, हाथ पैरों में सुन्नपन, आवाज लड़खड़ाना, बात समझने में परेशानी, मुंह, आंख आदि में टेढापन आदि लक्ष्ण दिखें तो तुरंत मरीज को नजदीकी अस्पताल पहुंचाए, ब्रेन स्ट्रोक में मरीज को जितनी जल्दी उपचार मिलेगा उतनी जल्दी मरीज की रिकवरी होगी। स्ट्रोक की कुछ दवाईयां ऐसी भी है जोकि 4 घण्टों के भीतर असर करती है।
यह बिल्कुल न करे और रहे सेहतमंद
ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से बचने के लिए सर्दियों में नहाने से पहले पानी को थोड़ा गर्म करके ही नहाए, सीधे सिर पर पानी नहीं डालना पहले पैरों में पानी डाले। इसके बाद घुटने, जांघ, पेट की सफाई करते हुए शरीर पर पानी डालें, सबसे बाद पानी सिर पर डाले। हाई बीपी के मरीज नमक सीमित मात्रा में ले और रोजाना समय पर अपनी बीपी की दवाई ले। यदि बीपी की बिमारी आपकों है तो दवाई लेने में बिल्कुल परेहज न करे सैर या कसरत भी करते रहे। अधिक बजन को कट्रोल में रखे, खानपान अच्छा रखे, चिकना और गरिष्ठ भोजन खाने से परहेज करे फास्ट फूड खाने से बचे।
पंजाब सरकार भी चिंतित है आपके लिए...डायरैक्टर हैल्थ डा. आर्दशपाल कौर
वहीं डायरैक्टर हैल्थ डा. आर्दशपाल कौर का कहना है कि पंजाब सरकार भी ब्रेन स्ट्रोक की बिमारी के प्रति पुरी तरह से गंभीर है। स्ट्रोक के मरीजों का बढ़ियां तथा अच्छे तरीके से उपचार हो जिसके चलते डाक्टरों तथा स्टाफ नर्से को आधुनिक ट्रैनिग समय-समय पर दिला रही है। हाल में ही लुधियाना में एक होटल में पंजाब सरकार ने यूके यूनिवसिटी से माहिर डाक्टरों तथा नसिग स्टाफ को लुधियाना बुलाकर सरकारी डाक्टरों की ट्रैनिग भी करवाई। सिविल अस्पताल जालंधर से मैडीसन की डा. ईशु सिंह, डा. हरवीन कौर, डा. प्रियका तथा स्टाफ को लुधियाना बुलाकर विशेष ट्रैनिग तथा जानकारी दी गई कि ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों का उपचार कैसे किया जा सके। डा. आर्दशपाल कौर ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक की बिमारी के लक्ष्ण पाए जाने पर यदि साढे चार घण्टों के भीतर मरीज को टी.पी.ए नामक टीका लग जाए तो मरीज रिकवरी जल्दी कर जाता है और उसकी जान भी बच जाती है। सरकारी अस्पतालों में सरकार के आदेशों के मुताबिक यह टीके फ्री में लगते है, जबिक बाजार में यह टीके मंहगे दामें में लगाए जाते है। इसके इलावा सरकारी अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक से बचने व सावधानियों के बारे में लोगों को जानकारी देने हेतु पोस्टर लगाए गए है, उक्त पोस्टरों की खासीयत है कि उन पर क्यूआर कोड दशाया गया है। लोग अपने मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन करके पुरी जानकारी हासिल कर सकते है।