अमृतसर को ''पवित्र शहर'' घोषित करने के बाद Non veg के कारोबारियों ने उठाई मांग, बोले- कम से कम
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 03:27 PM (IST)
अमृतसर (इन्द्रजीत/रमन): पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर को 'पवित्र शहर' बनाने का फैसला एक अच्छी सोच है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका जनता को नुक्सान पहुंचा सकता है। यह बात कहते हुए पंजाब अरोड़ा महासभा के जिला प्रधान संजीव अरोड़ा ने शराब, नॉन-वेज और पान से जुड़े कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने तर्क प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (व्यवसाय और रोजगार की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (सम्मानपूर्वक जीवन का अधिकार) के अनुसार होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार सबसे पहले इस बात का आंकलन करे कि किस प्रकार वर्षों से रह रहे लोगों का पलायन करते समय उनका आर्थिक नुकसान न हो। इसके लिए उचित स्थान और राहत के लिए समय दिया जाना भी न्याय और कानून के मुताबिक होना चाहिए, ताकि प्रतिबंधित स्थान के भीतर कारोबार छोड़ने वाले लोगों को भूखा न मरना पड़े। उन्होंने बताया कि अधिकतर कारोबारी इसके लिए कम से कम एक वर्ष का समय चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अमृतसर में 90 वर्ष से अधिक पुराना प्रसिद्ध मछली बाज़ार मौजूद है, जिससे हज़ारों परिवारों की रोज़ी-रोटी जुड़ी हुई है और यहां पर राष्ट्रीय स्तर पर कारोबार फैला हुआ है। इसे नुक्सान पहुंचाना हज़ारों अमृतसर के अतिरिक्त दूसरे प्रदेशों के कारोबारियों को उजाड़ने के बराबर होगा। इसी तरह शहर के नॉन-वेज और पान फरोश, जो दिन की कमाई से अपना घर चलाते हैं, इस फैसले से सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। ऐसे अचानक लगाए प्रतिबंधों से नया नॉन-वेज माफिया पैदा होगा, कीमतें बढ़ेंगी और अंततः बोझ आम जनता, अमृतसर आने वाले पर्यटकों पर पड़ेगा।
कारोबार का स्थान बदलने के लिए बनाई जाए योजना, साइड इफैक्ट पर भी किया जाए फोक्स
जिला प्रधान अरोड़ा ने इसके अतिरिक्त तर्क के आधार पर सुझाव भी दिए हैं, जो लोग कई दशकों से यहां रह रहे हैं उनके लिए शहर के बाहर उचित स्थान होना चाहिए। इसके लिए कारोबार बदलने हेतु कम से कम एक वर्ष का समय दिया जाए। यदि किसी को बाहर निकलना है तो उसके लिए ऐसा स्थान ढूंढना होगा जहां पर शहर से आए नए कारोबारियों को नए ग्राहक मिलें। यदि शहर के कारोबारी जल्दबाजी में बाहर निकल गए तो पहले से स्थापित कारोबारियों से लड़ाइयां होगी। इस पर दोनों स्थानों के कारोबारी ग्राहक की कमी से प्रभावित होंगे। शहर में रहने वाले लोग जो अपने घरों पर नॉन-वेज सामान मंगवा कर खाते थे, उन्हें भी शहर से बाहर जाना होगा क्योंकि शहर के अंदर बाहर से बना नॉन-वेज सामान लाना भी वर्जित होगा।
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